Lok Sabha Politics News; मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के चुनावी खर्च का ब्यौरा उस दिन से काउंट होगा जिस दिन से उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने यह जानकारी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उनके सवालों के जवाब में दी है।
कांग्रेस ने इस दौरान अधिकारियों की पदस्थापना और अन्य मामलों को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से जानकारी लेने के साथ शिकायत दर्ज कराई है। उधर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा है कि राजनीतिक दलों के प्रत्याशी लोकसभा चुनाव के प्रचार और अन्य खर्च में 95 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे।
बीजेपी ने सवाल पुछा था
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) अनुपम राजन ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक मनोज द्विवेदी, एसएस उप्पल समेत अन्य भाजपा नेताओं ने सीईओ से यह स्पष्ट अभिमत चाहा था कि पार्टी का प्रत्याशी घोषित होने के बाद खर्च प्रत्याशी के खाते में कब से जुड़ेगा। इस पर सीओ अनुपम राजन ने बताया कि पार्टी भले ही समय से पहले प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दे लेकिन चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में वह प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने के दिन से माना जाएगा, इसलिए नामांकन दाखिल करने के बाद से लेकर चुनाव संपन्न होने तक जो खर्च होगा, वह चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा। मनोज द्विवेदी ने कहा कि आयोग का यह जवाब संतोषजनक रहा है।
सीईओ ने दी गाइडलाइन की जानकारी
आयोग की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित करने के बाद 48 घंटे में चुनावी खर्च देने का कोई प्रावधान नहीं है, नामांकन दाखिल करने के बाद से ही प्रत्याशी का चुनावी खर्च शुरू होता है। इसके अलावा अलग-अलग चुनावी परमिशन को लेकर भी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से जानकारी ली है। इस बैठक में सीईओ राजन ने सभी राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग द्वारा तय की गई गाइडलाइन की जानकारी दी।
लोकसभा चुनाव में कितना खर्च कर सकते हैं उम्मीदवार
सीईओ राजन ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव तक लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी के लिए खर्च की लिमिट 70 लाख थी जिसे बढ़ाकर दो साल पहले 95 लाख रुपए कर दिया गया है। जून 2022 से चुनाव आयोग ने खर्च की यह लिमिट बढ़ाई है। पहले यह लिमिट 70 लाख थी। इसलिए अब जो भी कैंडिडेट चुनाव लड़ेंगे वह 95 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। यह व्यवस्था इसी चुनाव से लागू हो रही है। इसी तरह विधानसभा चुनाव में 28 लाख की लिमिट बढ़ाकर 40 लाख रुपए इसी आदेश के अंतर्गत की गई है।