Monkeypox: अफ्रीका समेत कई देश इन दिनों मंकीपॉक्स (Monkeypox) से जूझ रहे है। फ्लू जैसे मंकीपॉक्स से पूर्वी अफ्रीका के बुरुंडी के लोग काफी परेशान हैं. यह बीमारी कितनी घातक और दर्दनाक है , यह सिर्फ उन लोगों की आपबीती सुनकर ही समझा जा सकता है, जो इससे जूझ रहे हैं. बीबीसी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार बुरुंडी के रहने वाले इरम्बोना भी मंकीपॉक्स (Monkeypox In Africa) से जूझ रहे हैं और इसका दर्द भी सह रहे हैं. 40 साल के एगाइड इरम्बोना ने कहा कि मेरे गले में लिम्फ नोड्स सूज गए थे. यह इतना दर्दनाक था कि मैं सो भी नहीं पाया. फिर यहां तो दर्द कम हो गया लेकिन यह मेरे पैरों तक पहुंच गया.
अफ्रीका में तेजी से बढ़ रहे मंकीपॉक्स के मामले
दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल बुरुंडी में इसका सबसे ज्यादा प्रकोप देखने को मिल रहा है। पिछले महीने से अब तक यहां 170 से ज्यादा मामले सामने आ चुके है. यह कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की सीमा पर मौजूद है. Monkeypox की वजह से अब तक यहाँ 450 मौतें हो चुकी है और 14,000 संदिग्ध मामले सामने आ चुके है।
Monkeypox को वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया गया है। सबसे ज्यादा डर इस बात का है कि यह अन्य देशों में भी फ़ैल सकता है। आपको बता दे कि इरम्बोना का इलाज पिछले 9 दिन से किंग खालिद यूनिवर्सिटी अस्पताल में चल रहा है. किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी मंकीपॉक्स फैलता है. इरम्बोना का लगता है कि उनसे यह संक्रमण उनकी पत्नी को भी हो गया. उनकी देखभाल भी वहीं हो रही है.
इरम्बोना का कहना है कि उनको लगता है कि ये बीमारी उनके ही एक दोस्त से हुई है. उनके दोस्त के शरीर पर छाले हो गए थे, लेकिन वह यह नहीं जानते थे कि यह मंकीपॉक्स है. धीरे-धीरे वह भी मंकीपॉक्स का शिकार हो गए. उनके शरीर पर भी छाले हो गए. उनकी आवाज भी धीमी हो गई थी. उन्होंने ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि शुक्र है कि उनके सात बच्चे बिल्कुल सुरक्षित हैं
मंकीपॉक्स की तैयारी पर क्या बोले डॉक्टर?
अस्पताल की प्रभारी डॉक्टर ओडेट एनसाव्यिमाना का कहना है कि मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। डॉक्टर का कहना है कि मरीज अब इतने बढ़ने लगे है कि बाहर तंबू लगाना पड़ रहा है। अब तक 3 टेटं लगाए जा चुके हैं. संदिग्ध मामले सामने आने के बाद मरीजों को इन्हीं टेटं में रखा जाता है. उसके बाद ही वॉर्ड में भेजा जाता है.
कितना चिंता भरा है मंकीपॉक्स ?
गौरतलब है कि बुरुंडी अब मंकीपॉक्स का एपीसेंटर बनता जा रहा है. डॉक्टर बढ़ते केस को लेकर चिंता में हैं. अगर मामले और बढ़ते हैं तो उनको संभालने की अस्पताल की क्षमता नहीं है. संक्रमित लोगों को अस्पताल में अन्य लोगों से अलग करने की कोशिश की जा रही है. हर ऐहतियात बरती जा रही है. अन्य लोगों को संक्रमितों से दूर रखा जा रहा है.