बजट कैसे तैयार किया जाता है?

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Budget 2024: भारत का केंद्रीय बजट कई विभागों के आपसी विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाता है. इसमें वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के कई अन्य मंत्रालय शामिल रहते हैं. (bajat kaun taiyaar karata hai) वित्त मंत्रालय खर्च के आधार पर गाइडलाइन जारी करता है, इस पर अलग-अलग मंत्रालय अपनी ओर से फंड की मांग बताते हैं. जिसके बाद वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग की बजट डिवीजन इसे तैयार करती है.

Budget 2024: भारत के केंद्रीय मंत्री द्वारा की जाने वाली वार्षिक वित्त रिपोर्ट को ही ‘आम बजट’ कहा जाता है. इस दस्तावेज में सरकार अपनी राजस्व आय और खर्चों के अनुमान के बारे जानकारी देती है. बजट में बताया जाता है कि किस तरीके से सरकार को राजस्व आय होने की संभावना है और किस तरह योजनाओं के जरिए सरकार उन पैसों को विकास योजनाओं में खर्च करेगी। भारतीय संविधान के ‘अनुच्छेद 112’ में आय -व्यय का लेखा-जोखा पेश करने के बारे में लिखा गया है.

भारत का पहला बजट

When was India’s first budget implemented: देश का पहल बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री ‘जेम्स विल्सन’ ने पेश किया था. (bhaarat ka pahala bajat kab laagu hua) आजादी के बाद पहला बजट देश के पहले वित्तमंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था. यह बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक की अवधि के लिए तैयार किया गया था. भारतीय गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को पेश किया गया था.

बजट का उद्देश्य

Objective of Budget: बजट बनाने के दौरान सरकार का लक्ष्य आय के साधन बढ़ाते हुए योजनाओं के लिए धन आवंटन करना, देश की आर्थिक विकास दर में बढ़ोतरी करने के लिए करने के लिए योजनाएं बनाना, (bajat ka uddeshy) लोगों की आर्थिक स्थिति में बदलाव समेत गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने के लिए योजनाएं बनाना शामिल है. साथ ही देश में आधारभूत ढांचे के निर्माण, रेल, बिजली, सड़क के लिए धनराशि आवंटित करने के लिए भी बजट में प्रावधान रहते हैं. सरकार की आय के प्रमुख साधनों में विभिन्न प्रकार के कर और राजस्व, सरकारी शुल्क, जुर्माना, लाभांश, दिए गए ऋण पर ब्याज आदि तरीके शामिल हैं.

बजट कौन तैयार करता है?

Who prepares the budget: भारत का केंद्रीय बजट कई विभागों के आपसी विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाता है. इसमें वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के कई अन्य मंत्रालय शामिल रहते हैं. (bajat kaun taiyaar karata hai) वित्त मंत्रालय खर्च के आधार पर गाइडलाइन जारी करता है, इस पर अलग-अलग मंत्रालय अपनी ओर से फंड की मांग बताते हैं. जिसके बाद वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग की बजट डिवीजन इसे तैयार करती है. बजट निर्माण में काम करने वाली प्रमुख एजेंसियां योजना आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, प्रशासनिक मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय शामिल होते हैं.

केन्द्रीय बजट कैसे तैयार किया जाता है?

How is the Union Budget prepared: केंद्र सरकार के बजट बनाने की प्रक्रिया सामान्य स्थितियों में सितंबर से शुरू हो जाती है. इस दौरान आर्थिक मामलों के विभाग की बजट डिवीजन सभी मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों और रक्षाबलों को सर्कुलर जारी करता है. (kendreey bajat kaise taiyaar kiya jaata hai) जिसमें उनसे आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए उनके खर्चों का अनुमान लगाते हुए जरुरी फंड बताने के लिए कहा जाता है. फिर अलग-अलग विभागों के बीच फंड देने को लेकर चर्चा होती है. इसके साथ ही बजट डिवीजन राजस्व विभाग, उद्योग संघों, वाणिज्य मंडलों, किसान संघों, ट्रेड यूनियनों, अर्थशास्त्रियों जैसे अलग-अलग क्षेत्रों के हितधारकों के साथ चर्चा करते हुए बजट प्रावधान तैयार करते हैं.

विभागों को रकम कैसे बांटी जाती है?

How are funds distributed among departments: बजट के दौरान हर मंत्रालय अपने विभाग के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड पाने की कोशिश में रहता है, ताकि वो योजनाओं पर ज्यादा पैसा खर्च कर सके. लेकिन सीमित आमदनी की वजह से सारे मंत्रालयों की इच्छा पूरी नहीं हो सकती है. ऐसे में किस विभाग को कितनी राशि आवंटित करनी है, इस बात को तय करने के लिए वित्त मंत्रालय अक्टूबर-नवंबर के दौरान अन्य मंत्रालयों के साथ बैठक करते हुए ब्लूप्रिंट बनाता है. बैठक में प्रत्येक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी फंड आवंटन के लिए वित्त मंत्रालय के साथ मोलभाव करते हैं.

बजट की गोपनीयता

Secrecy of Budget: बजट के दस्तावेज बेहद गोपनीय होते हैं. बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी से लेकर अधीनस्थ कर्मचारी, स्टेनोग्राफर्स, टाइपराइटर्स, प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी और अन्य लोग दफ्तर में ही रहकर काम करते हैं. (bajat kee gopaneeyata) गोपनीयता को बनाए रखने के लिए आखिरी वक्त पर उन्हें अपने परिवार से बात करने की भी इजाजत नहीं रहती है. इस दौरान बजट तैयार करने वाले और इसके प्रकाशन से जुड़े लोगों पर कड़ी नजर रखी जाती है. बजट प्रक्रिया में वित्तमंत्री का भाषण सबसे सुरक्षित दस्तावेज होता है. जिसे बजट घोषणा से सिर्फ दो दिन पहले ही छपने के लिए भेजा जाता है.

बजट निर्माण में ‘हलवा रस्म’

Why is halwa made in budget: बजट संबंधित दस्तावेजों की छपाई प्रक्रिया शुरू होने से पहले नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में हलवा खाने की रस्म निभाई जाती है. (bajat mein halava kyon banata hai) जिसमें वित्त मंत्री बजट तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच हलवा वितरण करते हैं. इस रस्म के बाद से बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों को सात दिन तक सबसे दूर रखा जाता है. इस दौरान उन्हें किसी बाहरी व्यक्ति से संपर्क नहीं करने दिया जाता है. संसद में बजट पेश हो जाने के बाद ही उन्हें बाहर आने दिया जाता है.

राष्ट्रपति की अनुमति

बजट की पहली ड्राफ्ट कॉपी को सबसे पहले वित्त मंत्री के सामने रखा जाता है. इसका पेपर नीले रंग का होता है. बजट पेश करने से पहले केंद्र सरकार को राष्ट्रपति की अनुमति लेनी होती है. इसके बाद इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखा जाता है. फिर इसे संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है. आम बजट दो हिस्सों में बंटा होता है. पहले हिस्से में सामान्य आर्थिक सर्वे और नीतियों का ब्यौरा होता है. दूसरे हिस्से में आने वाले साल के लिए प्रत्यक्ष और परोक्ष करों के प्रस्ताव रखे जाते हैं.

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