चुनाव खत्म होने के बाद अब आई मतगणना की बारी, जानिए EVM से कैसे होती है काउंटिंग

How is counting by EVM? देश में 19 अप्रैल से शुरू हुई लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान का आखरी चरण 1 जून को समाप्त हो गया। बतादें कि देशभर की 543 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में विटिंग हुई। मतदान के बाद अब शुरू हो चुकी है वोट काउंटिंग की प्रक्रिया। जिसपर सभी मतदाताओं की नजर है। मतगणना पुरीतरह से निष्पक्ष तरीके से हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं EVM से वोट काउंटिंग का पूरी प्रोसेस।

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मतदान के बाद का काम
वोटिंग केंद्रों में मतदान समाप्त होने के बाद, EVM को सील कर दिया जाता है। इसके बाद EVM को मतदान केंद्र से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाता है। सभी EVM को एक निर्धारित स्थान पर एकत्र किया जाता है, जिसे ‘मतगणना केंद्र’ कहते हैं।

मतगणना केंद्र पर कार्य
वोट काउंटिंग के दौरान मतगणना केंद्र पर, चुनाव अधिकारी EVM की सील को खोलते हैं और उन्हें एक ‘कंट्रोल यूनिट’ और ‘बैलट यूनिट’ में अलग करते हैं। इसके पश्चात ‘कंट्रोल यूनिट’ को एक ‘रीडिंग मशीन’ से कनेक्ट करते हैं। EVM में डाले गए वोटों की संख्या को ‘रीडिंग मशीन’ पढ़ती है इसके साथ ही एक ‘मतगणना शीट’ पर रिकॉर्ड भी करती है।

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ऐसे होती है वोटों की गिनती
‘रीडिंग मशीन’ द्वारा ‘मतगणना शीट’ पर रिकॉर्ड किए गए वोटों की संख्या को विभिन्न उम्मीदवारों को मिले वोटों की संख्या से मिलाया जाता है। यह मिलान ‘वोटिंग ऑफिसर’ और ‘पार्टी एजेंट’ की मौजूदगी में किया जाता है। वोटों की काउंटिंग पूरी होने के बाद, ‘मतगणना अधिकारी’ द्वारा परिणामों की घोषणा की जाती है।

VVPAT का क्या है उपयोग
बतादें कि भारत में 2010 से EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ VVPAT अर्थात ‘वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ का भी उपयोग किया जाने लगा है। दरअसल VVPAT एक स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो मतदाता द्वारा डाले गए वोट की एक पर्ची को प्रिंट करता है और उसे एक बॉक्स में सुरक्षित रखता है। इस तरह से VVPAT का उपयोग EVM के जरिये डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए किया जाता है।

EVM को क्यों माना जाता है सटीक
दरअसल EVM एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, इसलिए मानवीय त्रुटि की संभावना को कम होती है। साथ ही EVM में डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए VVPAT का उपयोग किया जाता है। वोट काउंटिंग की पूरी प्रक्रिया ‘मतगणना अधिकारी’, ‘पार्टी एजेंट’ और अन्य अधिकारियों की निगरानी में होती है।

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