India Vs Japan GDP: भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Fourth Largest Economy) का दर्जा हासिल कर लिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताजा अनुमानों के अनुसार, 2025 में भारत का नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (Nominal GDP) 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो जापान (Japan GDP) के 4.186 ट्रिलियन डॉलर से मामूली रूप से अधिक है। यह उपलब्धि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि (Economic Growth India) और सुधारों का परिणाम है, जिसने इसे वैश्विक मंच पर और मजबूत किया है।
GDP क्या है
What Is GDP Explained In Hindi: सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) यानी GDP किसी देश में एक निश्चित समय, आमतौर पर एक साल, में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य है। यह किसी अर्थव्यवस्था के आकार और स्वास्थ्य का प्रमुख संकेतक है। GDP को निम्नलिखित तरीकों से मापा जाता है:
- नाममात्र GDP (Nominal GDP): यह वर्तमान बाजार मूल्यों पर आधारित होता है, जिसमें मुद्रास्फीति (Inflation) शामिल होती है। यह देशों की तुलना के लिए सामान्यतः उपयोग होता है, लेकिन इसमें जीवनयापन की लागत का अंतर शामिल नहीं होता।
- वास्तविक GDP (Real GDP): यह मुद्रास्फीति को समायोजित करके मापा जाता है, जो अर्थव्यवस्था की वास्तविक वृद्धि को दर्शाता है। भारत का वास्तविक GDP 2024-25 में 187.95 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।
- प्रति व्यक्ति GDP (GDP Per Capita): यह कुल GDP को देश की जनसंख्या से विभाजित करके निकाला जाता है, जो औसत आर्थिक समृद्धि को दर्शाता है। भारत का प्रति व्यक्ति GDP 2025 में 2,880 डॉलर है, जबकि जापान का 33,900 डॉलर।
- क्रय शक्ति समता GDP (PPP GDP): यह जीवनयापन की लागत और मुद्रा की खरीद शक्ति को समायोजित करता है। PPP के आधार पर, भारत पहले से ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका GDP 2024 में 14.59 ट्रिलियन अंतरराष्ट्रीय डॉलर था।
GDP की गणना व्यय विधि (Expenditure Method) से की जाती है:
Y = C + I + G + (X – M)
जहां C (Consumption) उपभोक्ता खर्च, I (Investment) निवेश, G (Government Spending) सरकारी व्यय, और (X – M) (Net Exports) निर्यात और आयात का अंतर है।
भारत बनाम जापान: GDP की तुलना
2025 में भारत ने जापान को पछाड़कर चौथा स्थान हासिल किया। IMF के अनुमानों के अनुसार:
- भारत: 4.187 ट्रिलियन डॉलर (Nominal GDP), 6.2% की वृद्धि दर (Growth Rate) के साथ। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि, प्रौद्योगिकी सेवाएं (Technology Services), और बिजनेस आउटसोर्सिंग (Business Outsourcing) जैसे क्षेत्रों का योगदान बड़ा है।
- जापान: 4.186 ट्रिलियन डॉलर, लेकिन जापानी येन की कमजोरी (Weak Yen) और 0.6% की धीमी वृद्धि दर ने इसे पीछे धकेल दिया। जापान की अर्थव्यवस्था ऑटोमोटिव (Automotive), इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics), और वित्तीय सेवाओं (Financial Services) पर निर्भर है।
हालांकि, प्रति व्यक्ति GDP में जापान भारत से काफी आगे है। जापान की जनसंख्या 12.45 करोड़ है, जबकि भारत की 142.86 करोड़। इस वजह से जापान का प्रति व्यक्ति GDP भारत से लगभग 12 गुना अधिक है, जो वहां की बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं (Healthcare), बुनियादी ढांचा (Infrastructure), और जीवन स्तर (Quality of Life) को दर्शाता है। PPP के आधार पर, भारत (14.59 ट्रिलियन अंतरराष्ट्रीय डॉलर) जापान (6.77 ट्रिलियन अंतरराष्ट्रीय डॉलर) से काफी आगे है, क्योंकि भारत में जीवनयापन की लागत कम है।
भारत से ज्यादा GDP वाले देश और उनकी GDP
2025 में भारत से बड़ी अर्थव्यवस्थाएं निम्नलिखित हैं
- संयुक्त राज्य अमेरिका (United States GDP): 30.34 ट्रिलियन डॉलर। सेवा, प्रौद्योगिकी (Technology), और वित्त (Finance) जैसे क्षेत्रों में विविधता के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था।
- चीन (China GDP): 19.23 ट्रिलियन डॉलर। विनिर्माण (Manufacturing) और निर्यात (Exports) पर आधारित दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था।
- जर्मनी (Germany GDP): 4.74 ट्रिलियन डॉलर। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, जो सेवा, दूरसंचार (Telecommunication), और पर्यटन (Tourism) पर निर्भर है।
ये तीन देश भारत से आगे हैं, लेकिन भारत ने जापान, यूनाइटेड किंगडम (3.83 ट्रिलियन डॉलर), फ्रांस (3.21 ट्रिलियन डॉलर), और अन्य को पीछे छोड़ दिया है।
भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
भारत का दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके प्रमुख प्रभाव हैं:
- वैश्विक प्रभाव में वृद्धि (Global Influence): भारत का G20, BRICS, और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभाव बढ़ेगा। नीति आयोग के सीईओ (BVR Subrahmanyam) ने कहा कि यह उपलब्धि भारत को वैश्विक आर्थिक नीतियों में बड़ी भूमिका निभाने का मौका देगी।
- विदेशी निवेश में वृद्धि (Foreign Direct Investment): भारत की मजबूत वृद्धि दर (6.2%) और बढ़ता मध्यम वर्ग (Middle Class) विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेगा। 2014 से FDI में लगातार वृद्धि हुई है, और यह रुझान जारी रहेगा।
- आर्थिक सुधारों का प्रभाव (Economic Reforms): 1992 के उदारीकरण (Liberalization), डिजिटल इंडिया (Digital India), और मेक इन इंडिया (Make in India) जैसे कदमों ने भारत को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है।
- क्षेत्रीय नेतृत्व (Regional Leadership): एशिया में चीन के बाद भारत दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिससे दक्षिण एशिया में उसका नेतृत्व मजबूत होगा।
- चुनौतियां: हालांकि, कम प्रति व्यक्ति GDP (2,880 डॉलर) और बुनियादी ढांचे की कमी जैसी समस्याएं भारत के विकास को सीमित कर सकती हैं। विश्लेषक हार्दिक जोशी (Hardik Joshi) ने कहा, “GDP विकास नहीं है।” भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य, और नवाचार (Innovation) में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।
भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में कितना समय लगेगा?
IMF और अन्य विश्लेषकों के अनुसार, भारत 2027-28 तक जर्मनी (4.74 ट्रिलियन डॉलर, 2025) को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। 2028 में भारत का GDP 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो जर्मनी के 5.25 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होगा। यह तेज वृद्धि भारत की 6-7% की वार्षिक वृद्धि दर, बढ़ते निवेश, और जनसंख्या लाभ के कारण संभव है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है और 2048 तक अमेरिका को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल कर सकता है।
भारत की यह उपलब्धि निश्चित रूप से गर्व का विषय है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय में सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास, और नवाचार में निवेश जैसे क्षेत्रों में अभी लंबा रास्ता तय करना है। भारत की युवा आबादी, डिजिटल क्रांतिऔर सरकारी सुधार इसे तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर कर रहे हैं। हालांकि, वैश्विक व्यापार तनाव और ट्रंप की टैरिफ नीतियां भारत के लिए चुनौतियां पेश कर सकती हैं। फिर भी, भारत की यह उपलब्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उसकी बढ़ती ताकत को दर्शाती है, और यह देश के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक बड़ा कदम है।