बात दो साल पहले की है बिजली का जोरदार झटका लगने के चलते 46 साल के एरॉन जेम्स ने अपनी बाई आंख और चेहरे का हिस्सा खो दिया था.
World’s first eye transplant in hindi: एरॉन जेम्स ही वो व्यक्ति हैं जिनका दुनिया में पहली बार पूरी आंख का ट्रांसप्लांट हुआ है इसका श्रेय न्यूयॉर्क के सर्जनों को जाता है. अब तक आई ट्रांसप्लांट में केवल आंख के ऊपरी परत कॉर्निया को ही ट्रांसप्लांट किया जाता था. अब आंख के साथ डोनर के चेहरे का हिस्सा भी मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया है. सर्जनों का कहना है कि यह बहुत बड़ा कदम है, जिसके बारे में कई वर्षों या यु कहें कि सदियों से सोचा जाता रहा है लेकिन इसे कभी पूरा नहीं किया जा सका था.
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो साल पहले बिजली का जोरदार झटका लगने के चलते 46 साल के एरॉन जेम्स ने अपनी बाई आंख, कोहनी के ऊपर का बायां हाथ, नाक,होठ, सामने के दांत, गाल का हिस्सा और ठुड्डी की हड्डी खो दी थी. कॉस्मेटिक सर्जरी के तौर पर डॉक्टर केवल आईबॉल को शामिल करने का प्लान बना रहे थे.
NYU लैंगोन हेल्थ की सर्जिकल टीम के मुताबिक, चेहरे के एक साथ हिस्से के ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद छह महीनों में ग्राफ्ट की गई आंख में ठीक से काम करने वाली ब्लड वेसल (blood vessel) और एक आशाजनक दिखने वाली रेटिना समेत स्वास्थ्य के ठीक-ठाक लक्षण देखे गए. खबर जो मिल रही है उसके मुताबिक, अब तक मरीज के आंख की रोशनी वापस नहीं आई है.
सर्जरी करने वाले डॉ. एडुआर्डो रोड्रिग्ज (Eduardo Rodriguez) ने बताया कि अगर थोड़ा सा भी विज़न वापस आता है तो ये अद्भुत होता, लेकिन उनका लक्ष्य तकनीकी ऑपरेशन करना था. फिलहाल ट्रांसप्लांट हुई आंख optic nerve के जरिए दिमाग से संचार नहीं कर रही है.
रोड्रिग्ज ने कहा कि भले ही ट्रांसप्लांट में आंखो की रोशनी न लौटी हो लेकिन इससे नई संभावनाएं खुलती हैं. उन्होंने बताया कि अगर वो बाकि वैज्ञानिक के साथ काम कर सकते हैं तो भविष्य में ट्रांसप्लांट से रोशनी भी आ जाएगी।