Happy Birthday Shaan: उन्होंने जिंगल गाते गाते धीरे से 1999 में फिल्म प्यार में कभी कभी फिल्म से प्ले बैक सिंगिंग में पदार्पण किया , जिसके “मुसु मुसु हसी” गीत ने फौरन सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया और देखते ही देखते भोली सी मुस्कान लिए शांतनु मुखर्जी यानी शान ,फिल्म संगीत की भी शान बन गए जिन्होंने न केवल नग़्मों को एक अलग अंदाज़ दिया बल्कि उनके लिए सर्वश्रेष्ठ गायक का खिताब भी जीता जिनमें उनके नाम दो फिल्मफेयर पुरस्कार रहे ,फ़िल्म फ़ना के गीत “चाँद सिफ़ारिश” और ” जब से तेरे नैना ” सांवरिया फिल्म के गीत के लिए , तीन अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कारों से भी आपको नवाज़ा जा चुका है ।
Singer Shaan Biography, Family Background | परिवार से मिला संगीत का ज्ञान
30 सितंबर 1972 को बंगाली परिवार में जन्मे शांतनु मुखर्जी न केवल गाते हैं बल्कि वो संगीतकार , अभिनेता और टेलीविजन होस्ट भी हैं जो कभी कभी बतौर जज भी हमें नज़र आते हैं और हिंदी के अलावा बंगाली ,मराठी कन्नड़ और तेलुगु भाषा में भी गाने गाते हैं।
उनके दादा जाहर मुखर्जी एक प्रसिद्ध गीतकार थे, उनके दिवंगत पिता मानस मुखर्जी एक संगीत निर्देशक थे और मां सोनाली भी गायिका थीं जिससे उन्हें बचपन से ही घर में संगीत का माहौल मिला और उनकी
बहन सागरिका ने भी शान के साथ ही अपने गायन करियर की शुरूआत की, दोनों ने कई एल्बम्स में साथ काम किया
सन 2000 में शान ने अपने एल्बम तन्हा दिल में “तन्हा दिल तन्हा सफ़र” गीत गाया जो सुपरहिट हुआ
और उन्होंने कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए ।
इसके बाद आए उनके एल्बम अक्सर ने भी सफलता के कई आयाम तय किए , पार्श्वगायन की शुरुआत उन्होंने फिल्म परिंदा में सिर्फ एक लाइन ,”कितनी है प्यारी प्यारी “गाकर की थी जो बेहद पसंद की गई और धीरे धीरे वो सबकेचहीते सिंगर बन गए ,उनकी आवाज़ में अलग सी ताज़गी ,एक दिलनशीं रौ है जो हमें अपने साथ बहा ले जाती है।
गायक ,संगीत निर्देशक और मेज़बान भी बनें
गाने गाने के अलावा जब शान किसी रियलिटी शो की मेज़बानी करते हैं तो उसमें भी चार चांद लगा देते हैं,
बतौर संगीत निर्देशक उन्होंने धारावाहिक “लिपस्टिक” का संगीत तैयार किया और सर्वश्रेष्ठ टीवी संगीत निर्देशक का खिताब हासिल किया ,उनका बहु आयामी व्यक्तित्व उनकी शख़्सियत को बेमिसाल बनाता है और उनके गाए गीत तो मानो हर जवान दिल की धड़कन हैं या कहें कि हर दिल को जवाँ बनाने का माद्दा रखते हैं तो ग़लत न होगा ,
चलते चलते कुछ और खास गाने हम आपको याद दिलाते चलें :-
‘बम बम बोले मस्ती में डोले…’,’ओ शोना ओ शोना…’, ‘आज उनसे मिलना है हमें…’ ,’मुरली की तानों सी है…’, ,’आल इज वेल….’,’बहती हवा सा था…’ ,’चार क़दम बस… ,’बोलो न.. ‘,’दस बहाने…’,ये वही नग़में हैं जो उन्हें हर दिल अज़ीज़ बनाते हैं, हर संगीत प्रेमी के दिल में उन्हें एक आला मक़ाम दिलाते हैं ।