Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में महाकुंभ के पवित्र संगम में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की उम्मीद है। अगर पिछले दो दिनों की बात करें तो पहले दो दिनों में ही 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ मेले में आ चुके हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। लेकिन कुंभ में आने वाली इतनी भीड़ की गिनती कैसे की जाती है? साथ ही क्या यह सिर्फ अनुमान है या इसके पीछे कोई सटीक तरीका इस्तेमाल किया जाता है? तो आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कहे जाने वाले कुंभ में लोगों की गिनती करने के लिए कौन-कौन सी तकनीक अपनाई गई है।
पहले हेड काउंट से की जाती थी गिनती। Mahakumbh 2025
जानकारी के मुताबिक कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती करने की प्रथा 19वीं सदी से शुरू हुई थी। ब्रिटिश शासन के दौरान कुंभ की ओर जाने वाले अलग-अलग रास्तों पर बैरिकेड्स लगाकर एक-एक करके लोगों की गिनती की जाती थी। साथ ही कुंभ में आने वाली ट्रेनों की टिकटों की गिनती करके भीड़ का अंदाजा लगाया जाता था। लेकिन तब भीड़ लाखों में आती थी, जो अब करोड़ों में बदल गई है। ऐसे में गिनती के तरीकों को भी समय के साथ आधुनिक बनाया गया है।
कैसे की जा रही है भीड़ की गिनती? Mahakumbh 2025
महाकुंभ 2025 की बात करें तो इस बार का कुंभ बेहद खास है क्योंकि हर 12 साल में होने वाले इस कुंभ में ऐसा संयोग 144 साल बाद बन रहा है क्योंकि अब तक 12 कुंभ संपन्न हो चुके हैं। इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पहले किसी भी कुंभ से ज्यादा है। ऐसे में यूपी सरकार ने कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI आधारित कैमरों की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है।
क्या है क्राउड असेसमेंट टीम? Mahakumbh 2025
सरकार ने महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए एक खास टीम बनाई है और इस टीम का नाम क्राउड असेसमेंट टीम है। यह टीम रियल टाइम बेसिस पर महाकुंभ में आने वाले लोगों की गिनती कर रही है और इसके लिए ऐसे खास कैमरों की मदद ली जा रही है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से लोगों की गिनती कर रहे हैं। लोगों को स्कैन किया जा रहा है, ये कैमरे महाकुंभ में आने वाले लोगों के चेहरों को स्कैन करते हैं और वहां मौजूद भीड़ के हिसाब से अनुमान लगाते हैं कि कितने घंटे में कितने लाख लोग महाकुंभ के मेला क्षेत्र में आए हैं। फिलहाल महाकुंभ के पूरे मेला क्षेत्र में ऐसे 1800 कैमरे लगे हुए हैं।
ड्रोन और एआई तकनीक की मदद से की जा रही गिनती।
महाकुंभ में आने वाली भीड़ की तस्वीरों से लोगों का अंदाजा लगाना मुश्किल है। ऐसे में सटीक आकलन के लिए एआई आधारित हाईटेक कैमरे लगाए गए हैं, ये 360 डिग्री कैमरे हैं। पूरे मेला क्षेत्र में ऐसे कैमरे लगे हुए हैं, जिनमें 1100 फिक्स कैमरे और करीब 744 अस्थाई कैमरे हैं। पूरे मेला क्षेत्र में लगे इन कैमरों के जरिए भीड़ की गिनती की जा रही है। साथ ही ड्रोन कैमरे प्रति वर्ग मीटर घनत्व का अनुमान लगाते हैं और कुल क्षेत्रफल के हिसाब से लोगों की गणना करते हैं।
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