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HOT SUMMER: भीषण गर्मी के चलते देश में पड़ा एसी का टोटा, बाहर में इम्पोर्ट हो रहे पार्टस!

घरेलू एसी निर्माता कंपनियों को कंप्रेसर, क्रॉस-फ्लो फैन/मोटर और पीसीबी सर्किट जैसे स्पेयर पार्ट्स को विदेश से हवाई मार्ग से आयात करना पड़ रहा

भारत में इस साल गर्मी ने कई बड़े रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जिसका सीधा असर एयर कंडीशनर (AC) की बिक्री पर पड़ा है। एसी की बिक्री ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। स्थिति ऐसी है कि घरेलू एसी निर्माता कंपनियों को कंप्रेसर, क्रॉस-फ्लो फैन/मोटर और पीसीबी सर्किट जैसे स्पेयर पार्ट्स को विदेश से हवाई मार्ग से आयात करना पड़ रहा है। इसका कारण देश के अधिकांश हिस्सों में लगातार गर्मी के कारण बढ़ती मांग को पूरा करना है।

कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर

उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने को कंपनियां चीन, ताइवान, थाईलैंड, मलेशिया और जापान जैसे देशों में वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं से आपातकालीन स्पेयर पार्ट्स को एयरलिफ्ट करती हैं। कुछ कंपनियों ने तांबा और एल्युमीनियम जैसी धातुओं की कीमतों में चार से पांच फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। जिसके कारण कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर पड़ रहा है। साथ ही एसी की ज्यादा मांग के चलते कंपनियों द्वारा ग्राहकों के घर पर एयर कंडीशनिंग लगाने में एक सप्ताह या उससे अधिक समय लग रहा है।  

आपूर्ती की स्थित बहुत लचीली

डाइकिन एयर कंडीशनिंग इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कंवलजीत जावा का बयान सामने आया है। उन्होने कहा कि घरेलू एयर कंडीशनिंग उद्योग में पिछले तीन महीनों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। जो उम्मीद से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा, “कुछ कंपनियों में एसी के पार्ट्स खत्म हो गए थे। जिसके कारण हो सकता है कि उन्हें एयरलिफ्ट करना पड़ा हो। एसी उद्योग निश्चित रूप से आपूर्ती की स्थित बहुत लचीली है।”

मांग को 70-80% तक बढ़ाने की योजना नहीं

एसी कंपनियों ने कहा कि उद्योग को यहां स्पेयर पार्ट्स के मामले में ऐसा समर्थन नहीं है। क्योंकि भारत में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना अभी भी उभर रही है। ब्लू स्टार के प्रबंध निदेशक बी. त्यागराजन ने कहा कि उद्योग 25-30 प्रतिशत की वृद्धि की ओर अग्रसर है। किसी ने भी मांग को 70-80% तक बढ़ाने की योजना नहीं बनाई।

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