Homemade Probiotic Drink: केवल स्वाद नहीं बल्कि सेहत का भी खजाना

Homemade Probiotic Drink

Homemade Probiotic Drink: गर्मियां आते ही शरीर की पाचन शक्ति कम होने लगती है। ऐसे में गर्मियों में हल्का और पतला खाना ज्यादा लाभदायक सिद्ध होता है। आमतौर पर गर्मियों में विभिन्न प्रकार की पाचन समस्याओं से बचने के लिए ही प्रोबायोटिक को खान पान में किया जाता है। जी हां भारत में परंपरागत तरीके से कई सारे ऐसे घरेलू पेय बनाए जाते हैं जिनमें भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक गुण मौजूद होते हैं। प्रोबायोटिक पेय(healthy probiotic drink) न केवल आपके पाचन को सुधारते हैं बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करते हैं।

Homemade Probiotic Drink
Homemade Probiotic Drink

क्या होते हैं प्रोबियोटिक ड्रिंक(healthy probiotic drink for gut health)

प्रोबायोटिक पेय पदार्थ में लाभकारी बैक्टीरिया अपने आप प्रवेश कर जाते हैं जिसकी वजह से यह प्रोबायोटिक ड्रिंक हर मौसम में हमारे शरीर को संतुलित और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करते हैं। हालांकि गर्मियों के दौरान इन प्रोबायोटिक ड्रिंक (summer probiotic drink)की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे अपने घर की रसोई में ही प्रोबायोटिक ड्रिंक बनाने की विधि जिससे आप न केवल अपने शरीर के पाचन तंत्र को सुधार सकते हैं बल्कि अपनी इम्यून सिस्टम को भी मजबूत कर सकते हैं।

आईए जानते हैं कुछ होममेड प्रोबायोटिक ड्रिंक के बारे में

कांजी : कांजी एक प्राचीन भारतीय पेय है जिसको रात भर फर्मेंट किया जाता है। यह पेय आप किसी भी सब्ज़ी या फल के माध्यम से बना सकते हैं। जहां रात भर आपको पानी में अपनी पसंदीदा सब्ज़ी या फल के टुकड़े ,सेंधा नमक और सरसों के बीज डालकर रखने होंगे और इसे फर्मेंट करना होगा।रात भर फर्मेंटेशन की प्रक्रिया होने के पश्चात आप दूसरे दिन इसका सेवन कर सकते हैं। आमतौर पर भारत में गाजर और चुकंदर की कांजी(beetroot/carrot kanji) काफी फायदेमंद मानी जाती है।

दही से बना मट्ठा या छाछ: रात भर घर में जमी हुई दही में नेचुरल प्रोबायोटिक मौजूद होते हैं। दही एक नेचुरल फर्मेंटेड पोषक तत्व होता है जिससे आप छाछ और लस्सी बना सकते हैं। यह आपके पाचन तंत्र को भी सुधारती है और डिहाइड्रेशन से बचाने में भी मदद करती है।

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रागी या बार्ली की कांजी: दक्षिण भारत में रागी या बार्ली की कांजी बनाई जाती है जिसमें रात भर भीगी हुई रागी या बार्ली को सुबह छाछ में पकाया जाता है और इसे ठंडा कर खाया जाता है यह भी प्रोबायोटिक से भरपूर होती है।

कैफीर: कैफे एक फर्मेंटेड पेय ड्रिंक होता है जिसमें लैक्टोबैसिलस भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। आप चाहे तो रोजाना इस फर्मेंटेड डेयरी पेय का सेवन कर सकते हैं और अपने आंतो की सेहत को सुधार सकते हैं।

चावल की कांजी: रात भर पके हुए चावल को दही में भीगो कर रखने के बाद सुबह आप इसमें सरसों और कड़ी पत्ते का तड़का देकर खा सकते हैं। इसमें नेचुरल प्रोबायोटिक मौजूद होते हैं और फर्मेंटेशन की वजह से इसकी गुणवत्ता और ज्यादा बढ़ जाती है। यह गर्मियों में आपके पेट को ठंडक प्रदान करते हैं और आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।

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