HMPV News: सोमवार के दिन HMPV वायरस की कुल तीन मामलों की पुष्टि की गई है। यह पुष्टि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हो चुकी है। बता दें इन तीन केसेस में से दो केस बेंगलुरु से मिले हैं तो एक केस गुजरात के अहमदाबाद से, तीनों ही मामलों में छोटे बच्चों को HMPV संक्रमण हुआ है। HMPV संक्रमण के बढ़ते हुए खतरों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि फिलहाल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान HMPV के आने वाले सभी मामलों पर नजर रखे हुए हैं वहीं उन्होंने बताया है कि HMPV से निपटने के लिए एक बार फिर से कोविड-19 के दौरान अपनाए दिशा निर्देशों को जारी कर दिया गया है और यह दिशा निर्देश लगभग हर राज्य में लागू करने पर जोर दिया जाएगा।
क्या HMPV के लिए भारतिय हैं प्रतिरक्षित?
इंडिया में HMPV केस के आउटब्रे को देखते हुए भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है । यह वायरस 2001 में मिला था और भारतीय जनता इस HMPV वायरस के लिए प्रतिरक्षित है। मतलब भारतीयों में इस वायरस से लड़ने की इम्युनिटी पहले से ही है। परंतु फिर भी वायरस बॉडी में एंटर होते ही सर्दी जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं जिसके लिए किसी महंगे परीक्षण की आवश्यकता नहीं है हालांकि यह वायरस मानव शरीर में मिलना कोई चिंताजनक बात नहीं है।
राज्य सरकारों ने जारी की गाइडलाइंस
HMPV वायरस के बढ़ते हुए खतरों को देखते हुए अलग-अलग राज्यों ने अपने नागरिकों से DO’S और DON’T’ का पालन करने का आग्रह किया है।
- इसमें नागरिकों को खांसते और छींकते समय टिशु या रुमाल का उपयोग करने के लिए कहा गया है।
- वही कोरोनावायरस की तरह ही साबुन पानी या अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से बार-बार हाथ धोने के लिए आग्रह किया जा रहा है।
- इसके साथ यदि किसी को बुखार या खांसी जैसी बीमारी है तो सार्वजनिक स्थानों पर न जाने के लिए निवेदन किया जा रहा है।
- वहीं सरकार और स्वास्थ्य विभाग लोगों से आवेदन कर रहे हैं कि सर्दियों के मौसम को देखते हुए नागरिक ज्यादा पानी पिए और भरपूर पोष्टिक का हार भी ले।
- नागरिकों से निवेदन किया जा रहा है कि लोगों से हाथ मिलाने से बचें।
- लोगों द्वारा इस्तेमाल किए गए सामान को हाथ लगाने से बचें।
- भीड़भाड़ वाली जगह पर जरूरत पड़े तो ही जाए अन्यथा घरों पर ही सुरक्षित रहे।
- वहीं डॉक्टरों की सलाह के बिना दवाइयां लेने से बचें।