Hit And Run New Law: मध्य प्रदेश में ट्रक ड्राइवर्स ने हड़ताल ख़त्म कर दी है. बुधवार से यात्री बस, स्कूल बस और ट्रक सडकों पर दौड़ने लगे. इंटर स्टेट बसों का संचालन भी होने लगा. दूध और फल- सब्जियों की सप्लाई आम दिनों की तरह सामान्य हगो गई है. सिटी बसों का संचालन भी शुरू हो गया है.
Hit And Run New Law MP: हिट एंड रन के नए कानून को लेकर चल रही ट्रक-बस ड्राइवरों की हड़ताल मध्य प्रदेश में खत्म हो गई है. अब आज यानि 3 जनवरी से पेट्रोल सहित बाकि ट्रांसपोर्ट और सप्लाई की व्यवस्था शुरू हो सकती है. दरअसल नए कानून को लेकर 2 जनवरी को सरकार और ड्राइवर असोसिएशन के बीच बैठक हुई. मिली जानकारी के मुताबिक, ड्राइवर असोसिएशन से कहा गया है कि ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से चर्चा किए बिना इस कानून को लागु नहीं किया जाएगा। बता दें कि ड्राइवरों को आश्वासन दिया गया है कि अगली बैठक तक नए कानून को लागु नहीं किया जाएगा इसके बाद असोसिएशन ने ड्राइवरों को काम पर लौटने की अपील की.
केंद्रीय सचिव ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि भारत सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) में 10 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान के बारे में वाहन चालकों की चिंता को संज्ञान में लिया है. इसलिए ये कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं होंगे. इन्हें लागू करने से पहले संगठन की राय ली जाएगा. वहीं संगठन के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि बैठक में हमें आश्वासन दिया है कि इस कानून की समीक्षा की जाएगी.
रासुका की कार्रवाई होगी
वहीं भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने बैठक में बस ऑपरेटर्स से कहा कि आप निश्चिंत होकर बसें चलाएं. प्रशासन एवं पुलिस का आपको पूरा सहयोग रहेगा. सिटी, स्कूल बस के चलने में यदि किसी ने व्यवधान उत्पन्न किया तो उस पर रासुका की कार्रवाई होगी. निर्देश का पालन नहीं करने पर ड्राइवर का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा.
गौरतलब है कि बस नहीं चलने के कारण आम जनता परेशान हो रही थी. भोपाल में Bcll द्वारा 368 बसें संचालित की जाती है. अब दो दिन बाद शहर के ”लाइफ लाइन” फिर शुरू हो गई है.
बता दें कि हिट एंड रन केस (Hit And Run Law) को लेकर पहले से कानून है, लेकिन अब केंद्र सरकार नया कानून (New Hit And Run Law) लेकर आई थी. अभी तक हिट एंड रन में ड्राइवर की थाने से जमानत हो जाती है, साथ ही दो साल की सजा का प्रावधान भी है लेकिन अब इसमें वाहन चलाने वाले ड्राइवरों को अधिकतम 10 साल की सजा के साथ 7 लाख जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया था जिसके विरोध में देशभर में ट्रांसपोर्ट्स की हड़ताल हुई थी.