Historic achievement at Rewa Super Speciality Hospital: सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने हृदय चिकित्सा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश के लिए नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने एक ही सप्ताह में तीन जटिल हृदय प्रत्यारोपण प्रक्रियाएं—एआईसीडी, सीआरटीडी और सीएसपी (कंडक्शन सिस्टम पेसिंग)—सफलतापूर्वक पूरी कीं। यह उपलब्धि राज्य के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज के कार्डियक सेंटर में पहली बार हासिल की गई है।तीनों मरीज हृदय विफलता (हार्ट फेल्योर) और हार्ट ब्लॉक से पीड़ित थे। डॉ. त्रिपाठी ने मरीजों के परिजनों से विस्तृत चर्चा कर उन्हें इन आधुनिक उपकरणों के लाभ समझाए। परिजनों की सहमति के बाद डिवाइस इंप्लांटेशन सफल रहा। वर्तमान में सभी मरीज पूर्णतः स्थिर हैं और डिस्चार्ज की तैयारी में हैं।
ये डिवाइस क्या करते हैं?
- धीमी और तेज हृदय गति दोनों को नियंत्रित करते हैं
- कार्डियक अरेस्ट का खतरा काफी हद तक कम करते हैं
- मरीज की जीवन गुणवत्ता में सुधार लाते हैं
- मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं
डॉ. त्रिपाठी ने कहा, “ये प्रक्रियाएं पहले केवल मेट्रो शहरों में संभव थीं क्योंकि ये महंगी और जटिल होती थीं। लेकिन अब रीवा में भी ये सुविधाएं उपलब्ध हैं। ये डिवाइस गेम चेंजर साबित हो रही हैं। विंध्य क्षेत्र में हृदय रोगियों की संख्या अधिक है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण लोग इन उपचारों से वंचित रह जाते हैं।”
चुनौतियां और सफलता
- मरीजों को कन्विंस करने में 2-3 दिन लगे
- परिजनों में विश्वास की कमी और महंगा होने का भय था
- अंत में परिणाम शानदार रहे—मरीज लक्षण-मुक्त (एसिंप्टोमैटिक)
डॉ. त्रिपाठी ने अपील की है कि “हार्ट फेल्योर के मरीज झिझक छोड़ें, कार्डियोलॉजिस्ट से चर्चा करें। ये डिवाइस लगने से जीवन बदलेगा, मृत्यु का खतरा टलेगा।, अपने हृदय को स्वस्थ रखें, कार्डियोलॉजिस्ट के संपर्क में रहें। यह उपलब्धि रीवा और विंध्य क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण है।”
विंध्य क्षेत्र के लिए गर्व का पल
- रीवा ने प्रदेश में पहली बार एक सप्ताह में तीन डिवाइस इंप्लांट किए
- छोटे शहरों में विश्वास की नई मिसाल
- स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने की जरूरत
