Himachal Pradesh Congress : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपनी सभी जिला और ब्लॉक की कमेटी को पूरी तरह से भंग कर दिया है। कांग्रेस अब राज्य इकाई जिला अध्यक्षों और ब्लॉक कांग्रेस समितियों का नए सिरे से गठन करेगी। एआईसीसी ने इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी कर दी है। जिसमें एआईसीसी महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने अपने आधिकारिक बयान में पूरी राज्य इकाई जिला अध्यक्षों और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को भंग करने की बात कही है।
हिमाचल में कांग्रेस समितियां भंग (Himachal Pradesh Congress)
बुधवार को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी राज्य इकाई जिला अध्यक्षों और ब्लॉक कांग्रेस समितियों को भंग कर दिया है। इन संबंध में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एआईसीसी महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूरी राज्य इकाई जिला अध्यक्षों और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को भंग कर दिया है। अब नए सिरे से राज्य इकाई जिला अध्यक्षों और ब्लॉक का गठन किया जाएगा।
इकाई भंग करना कांग्रेस की योजना का हिस्सा
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हिमाचल प्रदेश में जिला और ब्लॉक इकाइयों के साथ-साथ पूरी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) इकाई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। दरअसल, पहाड़ी राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से पीसीसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कांग्रेस के इस फैसले को पार्टी की एक योजना के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस की हिमाचल इकाई के पुनर्गठन की योजना प्रदेश में पार्टी को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से की जा रही है।
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गुटबाजी से ग्रस्त है हिमाचल कांग्रेस (Himachal Pradesh Congress)
कांग्रेस ने यह फैसला पार्टी में हो रही गुटबाजी को ध्यान में रखते हुए लिया है। के.सी वेणुगोपाल ने कहा, “हिमाचल कांग्रेस गुटबाजी से ग्रस्त है, जो फरवरी में राज्यसभा चुनाव के दौरान देखी गई थी। उस दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक सिंघवी कुछ कांग्रेस विधायकों के दलबदल और उनके पक्ष में क्रॉस वोटिंग के बाद भाजपा के हर्ष महाजन से चुनाव हार गए थे।” कांग्रेस में गुटबाजी और बागी नेताओं के तेवर लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच भी देखने को मिलें थे। जाहिर है कि पार्टी अब बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने की सोच रही है।
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प्रतिभा सिंह बनी सीडब्ल्यूसी की सदस्य
बताया जा रहा है कि इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते कांग्रेस ने ये कार्रवाई की है। कांग्रेस में गुटबाजी और बागी नेताओं के तेवर लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच भी देखने को मिलें थे। जाहिर है कि पार्टी अब बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने की सोच रही है। इस बीच हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पहले ही पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सदस्य बन चुकी हैं।