हाइवे में दुर्घटना होने पर 10 मिनट में पहुंचेगी एम्बुलेंस! नितिन गडकरी अब क्या करने जा रहे हैं?

Ambulance responding quickly to a road accident on an Indian highway

भारत में हर साल करीब 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.8 लाख से ज्यादा लोग जान गंवाते हैं। इनमें से ज्यादातर मौतें समय पर मेडिकल मदद न मिलने से होती हैं। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने अब बड़ा ऐलान किया है – हाइवे पर दुर्घटना होने पर 10 मिनट में एम्बुलेंस पहुंचेगी! (10 Minute Ambulance Response ) गडकरी ने संसद में बताया कि नेशनल हाइवे पर ‘ट्रॉमा सेंटर’ और ‘कैशलेस ट्रीटमेंट’ की योजना शुरू की जा रही है। ये प्लान ‘गोल्डन ऑवर’ को बचाने का है, जहां दुर्घटना के पहले घंटे में इलाज से 50% तक जानें बचाई जा सकती हैं। (Nitin Gadkari Road Safety Plan) गडकरी ने कहा, “हम हाइवे को सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।

सालाना 5 लाख दुर्घटनाएं, 1.8 लाख मौतें – गडकरी ने खोले आंकड़े

Road Accidents Statistics India 2025: गडकरी ने संसद में बताया कि भारत में हर साल 5 लाख रोड एक्सीडेंट होते हैं, जिसमें 1.8 लाख मौतें और 4.5 लाख लोग घायल होते हैं। (India Road Accident Deaths) ज्यादातर मौतें हाइवे पर होती हैं, जहां समय पर एम्बुलेंस न पहुंचने से ‘गोल्डन ऑवर’ मिस हो जाता है। गडकरी ने कहा, “दुर्घटना के बाद पहले 10 मिनट क्रिटिकल होते हैं। अगर एम्बुलेंस जल्द पहुंचे तो कई जानें बच सकती हैं।” NHAI के तहत 500+ ट्रॉमा सेंटर्स बनाने की योजना है।

10 मिनट एम्बुलेंस प्लान: कैसे काम करेगा?

  • ट्रॉमा सेंटर्स: हर 50-100 किमी पर हाइवे के किनारे ट्रॉमा सेंटर बनेंगे, जहां 24×7 डॉक्टर-स्टाफ रहेंगे।
  • एम्बुलेंस नेटवर्क: GPS ट्रैकिंग वाली एडवांस्ड एम्बुलेंस, जो दुर्घटना की लोकेशन पर 10 मिनट में पहुंचेगी।
  • कैशलेस ट्रीटमेंट: दुर्घटना पीड़ितों को पहले 48 घंटे कैशलेस इलाज, इंश्योरेंस बाद में क्लेम।
  • हेल्पलाइन: 1033 नंबर पर कॉल से तुरंत मदद। ये प्लान 2026 से फुल रोलआउट होगा, पायलट कुछ हाइवे पर शुरू। (NHAI Trauma Centers Plan)

गडकरी की अन्य योजनाएं: हाइवे को और सुरक्षित बनाने का मिशन

  • ब्लैक स्पॉट्स हटाए: 5000+ ब्लैक स्पॉट्स ठीक किए गए।
  • रोड इंजीनियरिंग: बेहतर डिजाइन, साइनेज और लाइटिंग।
  • व्हीकल सेफ्टी: नए व्हीकल्स में 6 एयरबैग अनिवार्य।
  • ट्रैफिक मैनेजमेंट: AI कैमरे और स्पीड लिमिट। गडकरी का लक्ष्य – 2030 तक रोड एक्सीडेंट डेथ्स 50% कम। (India Road Safety Target 2030)

चुनौतियां और उम्मीद: क्या प्लान सफल होगा?

विशेषज्ञों का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और कोऑर्डिनेशन की कमी बड़ी चुनौती है। लेकिन गडकरी का ट्रैक रिकॉर्ड (हाइवे निर्माण) से उम्मीद है कि ये प्लान ग्राउंड पर उतरेगा। राज्य सरकारों के साथ कोऑर्डिनेशन जरूरी।

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