Hemant Soren: “सोरेन की यह हरकत उनपर भारी पड़ेगी”

Hemant Soren

Hemant Soren: केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फाॅर्स यानी CRPF के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है. मामला झारखण्ड की राजधानी रांची का है. आरोप लगाया गया कि जवानों ने मुख्यमंत्री आवास के पास धरा 144 का उल्लंघन किया. जिसके बाद रांची CO ने गोंडा के पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई गई. 

CRPF पर FIR दर्ज

CRPF at Hemant Soren residence: अगर आपको पूरा मामला समझाए तो 20 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED की टीम झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही थी. जो की लगभग 7 घंटे देर तक चली थी. यह पूछताछ ख़त्म होने के बाद 21 जनवरी की शाम को CRPF के खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई गई. जिसमे कहा गया कि पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के मद्देनज़र CRPF की मांग नहीं की गयी थी. बावजूद इसके 10 बसों में CRPF के जवानों ने हाई सिक्योरिटी वाले मुख्यमंत्री आवास में घुसने की कोशिश की. जिस बीच स्थानीय प्रशासन से उनकी नोंक-झोंक भी हुई. आरोप में यह भी कहा गया कि CRPF की इस हरकत से लॉ एंड आर्डर और सुरक्षा भी हो सकती थी. 

किन किन धाराओं में केस हुआ?

बता दें कि रांची CO मुंशी राम ने IPC की धरा 143( गैर कानूनी रूप से इकठ्ठा होना), 188 और 353 के तहत FIR दर्ज कराई है. बाकी दो धाराओं 188 और 353 के बारे में बताएं तो 188 में लोकसेवक की तरफ से जारी किये गए आदेश को जानबूझकर नहीं मानने का आरोप माना जाता है. धरा 353 उस वक़्त लगाया जाता है जब किसी लोकसेवक को उसका काम करने से रोकने के लिए हमला अथवा आपराधिक बल का प्रयोग किया जाता है. 

राजनीति का माहौल हुआ गर्म

एक तरफ जहाँ सोरेन सरकार की सुरक्षा चूक को लेकर CRPF पर FIR दर्ज हुआ है. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखण्ड मुक्ति मोर्च ने CRPF के प्रति नाराजगी जताई है. पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय और सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस मामले को लेकर उच्च स्तरीय जांच और CRPF आईजी, कमांडेंट और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. 

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इस घटना के बाद झारखण्ड की राजनीति का माहौल गर्म होते नज़र आ रहा है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी में इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री सोरेन केंद्रीय एजेंसी और केंद्रीय सुरक्षा बालों को डराने के लिए पुलिसिया ताकत का गलत इस्तेमाल क्र रहें हैं. अपने बायत को जारी रखते हुए आगेवु उन्होंने यह भी कहा कि सोरेन की यह हरकत उनपर भारी पड़ेगी. 

वहीं, मुख्यमंत्री सोरेन की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही. ED ने 22 जनवरी को उन्हें एक और सामान दिया है. इस बीच 27 से 31 जनवरी के बीच मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक बयान देने का निर्देश दिया गया है.

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