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Hema Malini Puri Jagannath Temple Controversy | हेमा मालिनी के विरुद्ध पुलिस में दर्ज हुई शिकायत, धार्मिक भवनाएँ आहत करने का लगा आरोप

Hema Malini Puri Jagannath Temple Controversy In Chori: बॉलीवुड अभिनेत्री और मथुरा से सांसद हेमामालिनी के विरुद्ध सोमवार को एक शिकायत दर्ज करवाई गई है, यह शिकायत धार्मिक भवनाओं को भड़काने के आरोप में करवाई गई है, दरसल हाल ही में हेमामालिनी पुरी मंदिर में दर्शन करने गई थीं, आरोप है कि उनका मंदिर में प्रवेश वैध नहीं है।

Hema Malini Puri Jagannath Temple News | क्या है मामला?

दरसल हेमा मालिनी पिछले दिनों जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए गईं थीं, हेमा मालिनी के विरुद्ध पुरी के स्थानीय संगठन श्रीजगन्नाथ सेना ने शिकायत दर्ज करवाई है, पुरी के सिंहद्वार पुलिस स्टेशन में करवाई गई शिकायत में शिकायतकर्ता द्वारा कहा गया है कि हेमा मालिनी ने पुरी मंदिर के धार्मिक नियमों का उल्लंघन किया और भावनाओं को चोट पहुंचाई है। शिकायत में कहा गया है, अपने पति धर्मेन्द्र से विवाह के वक्त हेमा मालिनी ने इस्लाम अपना लिया था, उनका निकाह भी इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार ही हुआ था, इसीलिए उनका मंदिर में प्रवेश करना नियमों के विरुद्ध है, ऐसा करके उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस भी पहुंचाई है।

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क्या सचमुच हेमा मालिनी ने इस्लाम अपनाया था

दरसल हेमा मालिनी और धर्मेन्द्र एक-दूसरे से प्यार करते थे और शादी भी करना चाहते थे, लेकिन धर्मेन्द्र अपनी पहली पत्नी प्रकाश कौर को भी तलाक नहीं देना चाहते थे। हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक पत्नी के रहते दूसरा विवाह नहीं कर सकता था, इसी असुविधा से बचने के लिए धर्मेन्द्र ने इस्लाम धर्म को अपना लिया और हेमा मालिनी से शादी की थी, धर्मेन्द्र ने अपना नाम दिलावर खान रख लिया था और हेमा मालिनी ने आयशा बीवी, उनकी शादी 21 अगस्त 1979 को मुंबई में मौलाना काजी अब्दुल्ला फैज़ाबादी ने करवाई थी।

क्या है पुरी के जगन्नाथ मंदिर का नियम

पुरी का जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के चार प्रमुख धामों में से एक है, यह मंदिर भगवान विष्णु के पूर्णावतार श्रीकृष्ण को समर्पित है, जहाँ लाखों श्रद्धालु प्रत्येक वर्ष भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ का एक प्रमुख नियम है कि भगवान जगन्नाथ का दर्शन केवल हिंदू धर्म के लोग ही कर सकते हैं, बाकी धर्मों के लोग नहीं, यहाँ तक कि विदेशी पर्यटकों को भी यहाँ आने की अनुमति नहीं है। मंदिर के इस नियम को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्ययाएँ हैं, कुछ लोगों का मत है मंदिर निर्माण के समय ही यह नियम बनाया गया था, जबकि कुछ लोगों के अनुसार मंदिर में मुस्लिम आक्रमणों के फलस्वरूप यह निर्णय लिया गया था।

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काफी पुराना है यह विवाद

गैर धर्म के लोगों के प्रवेश के नियम का विवाद कोई नया नहीं है, बल्कि बहुत पुराना है, 1984 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी मंदिर में प्रवेश करने को लेकर रोक दिया गया था, जिसके बाद बहुत विवाद हुआ था। इसी तरह 2005 में थाईलैंड की एक राजकुमारी को भी मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। हालांकि समय-समय पर इस मंदिर को पर्यटकों के लिए खोले जाने को लेकर बात होती रहती है। आजादी के पहले इस मंदिर में मुस्लिम का ही नहीं, बल्कि हरिजनों का प्रवेश भी वर्जित था, जिसके बाद महात्मा गांधी ने पुरी मंदिर में दर्शन नहीं किए थे। इसी तरह डॉ अंबेडकर और बाबू जगजीवन राम को भी इस मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। हालांकि समय के साथ अब यह नियम नहीं रह गया है।

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