Helpful for Mental Health : पढ़िए – सांप-जुगनू की संदेशात्मक कहानी-सांप और जुगनू की सीख: जब किसी की चमक दूसरों को चुभने लगती है ,हमारे समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बिना किसी कारण के भी दूसरों से नफरत करते हैं। वे न तो उनसे कोई नुकसान झेलते हैं, न ही उनके साथ कोई व्यक्तिगत झगड़ा होता है, फिर भी वे उन्हें नीचे गिराने या रोकने की कोशिश करते हैं। इसी सच्चाई को बड़ी खूबसूरती से एक सांप और जुगनू की कहानी दर्शाती है – एक छोटी सी कहानी, लेकिन गहरी सीख के साथ।
कहानी – कुंठित सांप और जुगनू
एक बार की बात है, एक सांप एक जुगनू का पीछा कर रहा था। जुगनू उड़ता जा रहा था और सांप लगातार उसके पीछे लगा हुआ था। आखिरकार जब जुगनू थक गया तो वह रुक गया और सांप से बोला –
“क्या मैं आपसे तीन सवाल पूछ सकता हूं ?”
सांप ने सिर हिलाकर कहा – “पूछो।”
जुगनू ने पहला सवाल किया -“क्या मैं आपकी खुराक का हिस्सा हूं ?”
सांप ने जवाब दिया – “नहीं।”
दूसरा सवाल – “क्या मैंने आपका कोई नुकसान किया है, आपको कोई तकलीफ दी है ?”
सांप बोला – “नहीं।”
तीसरा सवाल -“तो फिर आप मेरे पीछे क्यों पड़े हैं? मुझे क्यों मारना चाहते हैं ?”
सांप ने धीमी आवाज़ में जवाब दिया -“मुझे तुमसे कोई परेशानी नहीं है, बस मैं तुम्हें चमकता हुआ नहीं देख सकता।”
कहानी की सीख और समाज की एक सच्चाई
यह कहानी सिर्फ एक सांप और जुगनू की नहीं, बल्कि हमारे समाज की हकीकत को दर्शाती है। हमारे आस-पास कई ऐसे लोग होते हैं जिन्हें हमारा उभरना, चमकना, सफल होना या प्रशंसा पाना पसंद नहीं आता। उन्हें हमसे कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं होती, लेकिन वे हमें नीचा दिखाने, बुरा कहने या हमारी खुशी में बाधा डालने की कोशिश करते हैं। असल में समस्या हमारे चमकने में नहीं होती बल्कि उनकी मानसिक अंधकार में होती है। जब कोई व्यक्ति अपनी नकारात्मक सोच और ईर्ष्या में डूबा होता है, तो उसे दूसरों की रोशनी चुभने लगती है।
विशेष – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी चमक कभी कम नहीं करनी चाहिए, चाहे कोई कुछ भी कहे। जो लोग आपकी रौशनी से परेशान हैं, उन्हें अंधेरे में रहने दें, आप बस चमकते रहिए। क्योंकि दुनिया में सबसे बड़ी ताकत है , सच्ची रोशनी, जो खुद जलकर भी दूसरों को राह दिखाती है।
