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दोमुंहे सांप की कलेजी! सांच कहै ता: जयराम शुक्ल

जयराम शुक्ल

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आलेख: जयराम शुक्ल | भैय्याजी हाल ही में चार धाम की तीर्थयात्रा और गंगाजी में पितरों का तर्पण करके लौटे।
देवस्थानों में कुछ न कुछ छोड़ने का संकल्प लेने का दस्तूर है। मसलन तम्बाकू, शराब, कोई बुरी लत, खानपान की चीजें।

मैंने पूछा क्या छोड़ आए… भैय्याजी ने बताया ‘सांप की कलेजी, कभी नहीं खाऊंगा?’

मैंने पूछा जो सम्भव नहीं उसे छोड़ने का संकल्प कैसा? पितरों की गत का खयाल तो रखना चाहिए था… वाह… छोड़ा भी तो क्या… सांप की कलेजी!

भैय्याजी बोले- लल्लू.. खुदा न खास्ता, चीन-वीन जाने का फॉरेन टूर मिला तो वहां तो आदमी सांप ही खाते हैं! सो मैंने भविष्य का ध्यान रखा।

मैंने कहा -भैय्याजी यदि गयाधाम में जीवनभर सच नहीं बोलने का संकल्प ले आते तो यह तो आपके काम की भी बात होती और पितर भी मजे से तर जाते!

भैय्या जी बमके- तुम पत्रकार लोग उलटवांसी ही बोलते हो… जानते नहीं गांधीजी कह गए ‘सत्य अहिंसा परमोधर्म:। यह तो हमारी पूंजी है कि हम निरा सच बोलें!’

फिर वे केजरीवाल की कहानी पर उतर आए! अब देखो केजरिया को, अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल मोर्चे से ऐसे चिपका जैसे पोस्टकार्ड की टिकट में थूक।

अन्ना के सामने शपथ ली और दिलवाई कि मर जाएंगे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं छोड़ेंगे। राजनीति गंदी है, इसकी संड़ाध में नहीं धंसेंगे। दिल्ली केजरिया की कला के आगे बरगला गई। अन्ना को गन्ना की तरह चूसने के उपरांत टटेर बनाकर पार्सल कर दिया वापस रालेगण सिद्धि।

जिस राजनीति को गंदी कहता था उसी की संड़ाध में कूद गया। जिस भ्रष्टाचार को दीमक बताता था उसी की बांबी में कुंडली मारकर जा बैठा। अरबों के भ्रष्टाचार का (वह भी शराब का) मुकदमा अदालत में चल रहा है पर देखो तो जेल से छूटते ही संतों जैसे प्रवचन देने लगा।

भैय्या जी बोले- अब आगे देखना पब्लिक फिर इसी के पीछे पगलाई दिखेगी क्योंकि इसके पास गला है, कला है और कलदार भी । सो राजनीति का मूलमंत्र यह कि कहो कुछ, करो कुछ। मुंह में राम राम और टेंटे में कसाई का बंका। राजनीति ऐसे ही चलती चली आई है लल्लू।

भैय्या जी रुके नहीं लगे हाथ राजा विसुनाथ प्रताप सिंह की पोथी खोल दी। जो राजा कभी गांधी परिवार का भांड था उसी ने मौके देखकर चौका जड़ दिया। न जाने कहां से गुमताड़ा करके बोफोर्स का भांडा फोड़ा। कहा- राजीव गांधी व उनकी मण्डली ने अरबों का कमीशन खाकर देश की सीमा को खतरे में फंसा दिया। जनता ने सच माना, राजीव गांधी को सत्ता से उतार दिया।

कमीशन से चौगुनी रकम जांच में खर्च हो गई। जांच राजीव गांधी तक पहुंच ही न पाई। जनमोर्चा बना तो राजा मांडा ने कहा- वे चुनाव नहीं लड़ेंगे! पर चुनाव भी लड़ा, कैफियत दी जनभावना के आगे मजबूर था।

फिर जनता दल बनाते समय बोले प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, ताऊ देवीलाल को बनाएंगे। फिर प्रधानमंत्री भी बन गए, कैफियत दी कर्त्तव्य के आगे मजबूर था। देवीलाल फेंटे से लग गए।

सो सच ऐसे ही बोलिए, फिर आपकी सुविधानुसार भावनात्मक तरीके से मजबूर करने के लिए लोग हैं ही।

अपने सूबे के भैयाजी ने महीने भर पहले एक जनसभा में कहा था कि इंटरनेट, सिन्टरनेट, फेसबुक- वाट्सएप युवाओं को बरबाद करने वाली बातें हैं। युवाओं को चाहिए कि वे कसकर लंगोट बांधा करें, विवेकानन्द के बताए मार्ग पर चला करें। रोज सबेरे ईश विनय कर शीश नवाएं। सूर्य नमस्कार करके उसकी अजस्त्र ऊर्जा को ग्रहण करें। देश के निर्माण में योगदान दें।

बाद में पता चला भैयाजी खुद डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू के संजाल में उलझे गए, अब जनता जनार्दन से सोशल मीडिया के जरिए मिलते हैं, लाइव दर्शन देते हैं। उनका एक आईटी सेल खुल गया है।

सो इसलिए लल्लू बातें हैं बातों का क्या? बोलने में क्या जाता है, बोल दो… फिर जनता के सामने अपने कर्त्तव्य के सामने, वक्त के साथ मजबूर हो जाओ।

अपना नफा-नुकसान देखकर जो मन पड़े सो बोलो- वक्त उसे उसी तरह परिभाषित कर देगा- जैसे विक्रमादित्य के दरबार में मूरख कालिदास के वक्तव्यों को विद्योत्तमा परिभाषित करती थी।

अब देखो न हिन्दी के लिए संकल्प पर संकल्प पारित किए गए। जहां देखो वहाँ, वही परंपरा, संस्कृति, मातृभूमि, विरासत, राष्ट्रप्रेम, मातृभाषा की दुहाई और कसमें।

पर पूछो तो किसके बच्चे हिन्दी में पढ़ते हैं और हिन्दुस्तानी दिखते हैं या दिखना चाहते हैंं। पता लगाइए कितने नेताओं के बच्चे सरहद गए फौजी बनकर। कितनों के नाम सरकारी स्कूलों में लिखा है?

अरे इनकी क्या बात करना, जिनकी ख्वाहिश रहती है कि बच्चा पैदा होते ही इंग्लिश में किलकारी भरे। पर संकल्प लेने व भाषाणों में बकुर देने में इनका क्या जाता है। वक्त की विद्योत्तमा इनके दोमुंहे भाषणों को भी परिभाषित कर देगी कि देखिए भैय्या जी कितने महान हैं, अंतिम छोर पर खड़े उस मजदूर के बच्चे के भविष्य के लिए कितना बड़ा संकल्प ले रहे हैं, जो फुटही सरकारी स्कूल में ट्विंकल- ट्विंकल लिटिल स्टार की बजाए… सिरी गानेसाए नमहा, से क ख ग घ डं. पढ़ने की शुरुआत करता हैं।

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