Healthy Gut Food Items: हमारा स्वास्थ्य पूरी तरह से हमारे गट (पाचन तंत्र) पर निर्भर करता है। गट माइक्रोबायोम का वह समुदाय होता है जो हमारे आंत में रहने वाले सूक्ष्मजीव को कंट्रोल करता है। गट ही हमारी पाचन, प्रतिरक्षक प्रणाली, सूजन नियंत्रण यहां तक की मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि जितना ज्यादा गट हेल्दी होता है व्यक्ति उतना ही मानसिक आउट शारीरिक रूप से फिट होता है। और इसी क्रम में आज के इस लेख में हम आपको 7 भारतीय पारंपरिक खाद्य पदार्थों के बारे में बताएंगे जो आपकी गट हेल्थ को बेहतरीन कर सकते हैं।

प्रोबायोटिक से भरपूर खाद्य पदार्थ
भारतीय खाद्य पदार्थों में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो भले ही पारंपरिक है परंतु वे ‘साइलेंट हीलर’ कहे जाते हैं। यह खाद्य पदार्थ एक तो पचने में काफी आसान होते हैं इनमें भरपूर मात्रा में माइक्रोब्स होते हैं, खासकर प्रोबायोटिक। यह प्रोबायोटिक आपके गट की हेल्दी बैक्टीरिया में बढ़ोतरी करते हैं जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है साथ ही आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी सुधरता है।
आईए जानते हैं भारत के 7 ऐसे पारंपरिक खाद्य पदार्थ जो आपकी गट हेल्थ के लिए वरदान है
दही और छाछ: दही और छाछ में लैक्टोबैसिलस मौजूद होता है जो अच्छे बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाता है यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
इडली डोसा: इडली डोसा फर्मेंटेशन की प्रक्रिया से बनते हैं जिसमें प्रोटीन पचने लायक बन जाता है। वहीं फर्मेंटेड होने की वजह से इसमें भी अच्छे बैक्टीरिया आ जाते हैं जो आपकी आंतों को लाभ पहुंचाते हैं।
दाल और अन्य लेगम्स : दाल और अन्य लेगम्स में भरपूर मात्रा में प्रीबायोटिक और फाइबर मौजूद होता है यह शरीर के अंदर जाकर हेल्दी बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाते हैं शरीर को ऊर्जा देते हैं।
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ठंडा चावल और पोहा: चावल और पोहा पकाने के बाद जब ठंडा हो जाते हैं तो उनका स्टार्च ‘रेजिस्टेंस स्टार्च’ में बदल जाता है जो कि आपकी गट हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। कहा जाता है कि इससे सूजन घटती है और ब्लड शुगर भी कंट्रोल में आ जाता है।
कच्चा केला : कच्चे केले में प्रतिरोधी स्टार्च और पैक्टीन होता है जो गट बैक्टीरिया के लिए हेल्दी भोजन साबित होता है यह पेट संबंधित सारी परेशानियां दूर कर देता है।
बाजरा, रागी और ज्वार : बाजरा, ज्वार रागी में भरपूर मात्रा में फाइबर और पॉलिफिनॉल्स मौजूद होते हैं यह शरीर के माइक्रोबॉयल विविधता को बढ़ाते हैं जिससे पाचन तंत्र स्ट्रांग हो जाता है और ब्लड शुगर कंट्रोल में आती है।
हल्दी : हल्दी में करक्यूमिन में नाम का तत्व मौजूद होता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को काम करता है यह इन्फ्लेमेशन को घटाने में मदद करता है। वही जब हल्दी काली मिर्च के साथ ली जाती है तो यह शरीर में बेहतर तरीके से घुलता है।