Having sex with a minor wife is Rape: बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने को लेकर एक म (Bombay High court On sex with Minor Wife)आदेश जारी किया है. नागपुर बेंच ने कहा है कि नाबालिक पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना भी रेप की श्रेणी में आता है. ऐसा करने वाले पति के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया जा सकता है. कोर्ट ने यही फैसला सुनाते हुए एक आरोपी की 10 साल की जेल की सजा को बरक़रार भी रखा है. अदालत ने कहा कि ना सिर्फ नाबालिग पत्नी के साथ बिना सहमति के संबंध बनाना रेप है बल्कि सहमति के बाद भी ऐसे कृत्य को रेप ही माना जाएगा।
नाबालिग पत्नी से सहमति के बाद भी संबंध बनाना रेप
इस मामले की सुनवाई जस्टिस गोविन्द सनप ने की, उन्होंने एक व्यक्ति को उसकी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के जुर्म में उसे सुनाई गई 10 साल की सज़ा को बरक़रार रखने का आदेश दिया। आरोपी अपने ऊपर लगे इल्जाम को खत्म करवाने के लिए कोर्ट पहुंचा था मगर अदलात ने उसे बलात्कारी ही करार दिया जबकि अपील करने वाले आरोपी ने ये भी कहा कि उसने अपनी नाबालिग पत्नी से सहमति के साथ संबंध बनाए थे. इसपर कोर्ट ने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ सेक्स करना रेप है भले ही इसमें उसकी सहमति रही हो या फिर वो पत्नी ही क्यों न हो.
पीड़िता को दिया था झांसा
9 सितंबर 2021 को वर्धा जिले के ट्रायल कोर्ट ने एक युवक को POCSO एक्ट के तहत दोषी पाया था। इसके बाद युवक ने हाइकोर्ट में अपील की। आरोपी नाबालिग लड़की की शिकायत के बाद 25 मई 2019 को गिरफ्तार किया गया था। उस समय लड़की 31 हफ्ते की प्रेग्नेंट थी। पीड़िता का कहना था कि दोनों के बीच अफेयर था और आरोपी ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और शादी का झूठा वादा किया।
प्रेग्नेंट होने के बाद पीड़िता ने आरोपी से शादी करने के लिए कहा। आरोपी ने एक घर किराए पर लिया और पड़ोसियों की मौजूदगी में फर्जी शादी की और यह विश्वास दिलाया कि वह उसकी पत्नी है।
इसके बाद आरोपी ने पीड़िता पर अबॉर्शन के लिए दबाव बनाया। जब उसने मना कर दिया तो उसके साथ मारपीट भी की। इसके बाद पीड़िता अपने माता-पिता के घर चली गई। वहां भी आरोपी ने पहुंचकर हंगामा किया और उसके साथ मारपीट की।
तब पीड़ित को अहसास हुआ कि शादी का केवल दिखावा करके युवक ने उसका शोषण किया है। यहां तक कि वह बच्चे का पिता होने से भी इनकार कर रहा था। आरोपी ने पीड़िता के चरित्र पर सवाल उठाते हुए यह दावा भी किया कि यह बच्चा किसी दूसरे व्यक्ति का है.
ट्रायल कोर्ट में क्रॉस एग्जामिनेशन में पीड़िता ने स्वीकार किया कि उसने बाल कल्याण समिति में शिकायत की थी। साथ ही तस्वीरों के हवाले से अधिकारियों को बताया था कि युवक उसका पति है। इसी आधार पर आरोपी ने कहा था कि यौन संबंध आपसी सहमति से बने थे।