Harraha village in Mauganj has been devastated by illegal mining: मऊगंज जिले का हर्रहा गांव, जो कभी काले पत्थर के लिए प्रसिद्ध था, अब अवैध खनन माफियाओं के चंगुल में फंसकर गंभीर संकट का सामना कर रहा है। कभी हरा-भरा रहने वाला यह क्षेत्र अब धूल, भयंकर ब्लास्टिंग के धमाकों और घरों में पड़ी दरारों से प्रभावित है। पिछले कुछ वर्षों में हर्रहा गांव की प्राकृतिक हरियाली पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। खेतों की जगह अब लगभग 13 स्टोन क्रेशर और कई खदानें ले चुकी हैं। दो पहाड़ों के बीच बसा यह गांव लगातार खनन के कारण खोखला हो चुका है, और पूरा इलाका दिन-रात धूल और शोर से पटा रहता है।
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बड़ी संख्या में लोग छोड़ चुके गांव
अवैध खनन के भयावह परिणाम के चलते दुधमनिया, मलकपुर, हर्राई, गुजरान और केसरा पहाड़ जैसे इलाकों के सैकड़ों ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हुए हैं। सरपंच साधना गिरी के अनुसार, क्षेत्र की आधी आबादी पहले ही विस्थापित हो चुकी है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि ब्लास्टिंग और क्रेशर से उड़ने वाली धूल के कारण लगभग 25 से 30 परिवारों में टीबी जैसी गंभीर बीमारियां फैल गई हैं।

प्रशासन की मिलीभगत से बिना NOC चल रहे क्रेशर
ग्राम सरपंच साधना गिरी ने आरोप लगाया है कि लक्ष्मी स्टोन माइनिंग, सिंह स्टोन क्रेशर, नीलकंठ स्टोन क्रेशर, त्रिमूर्ति एसोसिएशन और मां विंध्यवासिनी स्टोन क्रेशर सहित कई क्रेशर पंचायत की एनओसी (NOC) के बिना अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। सरपंच ने सीधे तौर पर खनिज अधिकारी सुनील राजपूत और स्थानीय प्रशासन पर इन अवैध गतिविधियों में मिलीभगत का आरोप लगाया है।
फर्जी दस्तावेजों से हड़पी आदिवासियों की जमीन
ग्रामीणों ने प्रशासन पर उनकी जमीन खनिज माफियाओं को सौंपने का गंभीर आरोप लगाया है। स्थानीय निवासी गगनदास कोल ने दावा किया कि उनकी जमीन न तो बेची गई और न ही लीज पर दी गई, फिर भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनकी जमीन माफियाओं को सौंप दी गई। आदिवासियों को बंटन में मिली जमीन भी कलेक्टर की अनुमति के बिना अवैध रूप से खदानों के नाम कर दी गई है।
जीवन हुआ भयावह, घरों में पड़ी दरारें
अवैध ब्लास्टिंग ने ग्रामीणों का जीवन भयावह बना दिया है। लल्ला सिंह ने बताया कि दिन-रात होने वाले धमाकों से कई घरों में गहरी दरारें पड़ गई हैं और कुछ घर टूट भी रहे हैं। उड़ने वाले पत्थर और धूल से रास्ते टूट गए हैं, जिससे बच्चों का स्कूल जाना भी असुरक्षित हो गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर अपनी जमीन वापस करने और अवैध खनन को बंद करने की मांग की है।