Harmful Effects Of Eating Mango In Hindi: गर्मियों का यह मौसम भारत में आम का मौसम है। भारत में आम का उत्पादन और सेवन दोनों ही विश्व में सबसे अत्यधिक मात्रा में होता है। विश्वभर में भारत के विभिन्न किस्मों के आम की मांग इस समय रहती है। आम एक अच्छे स्वाद वाला और पोषण से भरपूर फल माना जाता है। जिसकी भारतीय आयुर्वेद ग्रंथों में खूब चर्चा की गई है और इसे “रसायन” कहा गया है, जो बलवर्धक और ओजवर्धक होता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में अधिक मात्रा में आम खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
गर्मी और पित्त दोष
आम को आयुर्वेद में गर्म प्रकृति का फल माना जाता है, इसीलिए इसके अत्यधिक अधिक आम खाने से शरीर में पित्त बढ़ सकता है, जिससे मुंह में छाले, नाक से खून आना, त्वचा पर रैशेज, या एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
ब्लड शुगर लेवल बढ़ाना
आम में नेचुरल शुगर (फ्रक्टोज़) की मात्रा अधिक होती है। इसीलिए यदि डायबिटीज़ के रोगी अधिक मात्रा में आम खाएं, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। और इसके कारण डायबिटीज की गंभीर समस्या हो सकती है।
वज़न बढ़ना
आम में कैलोरी और शुगर अधिक होती है। इसीलिए यदि अत्यधिक मात्रा में खाया जाए, तो इसके कारण शरीर का वज़न भी बढ़ने की संभावना है, जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।
पेट की समस्याएं
अधिक पके आम को खाने से पेट में गैस, डायरिया, या एसिड रिफ्लक्स की भी समस्या हो सकती है, खासकर इसका खाली पेट खाने पर। माना जाता है अधिक आम खाने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ सकता है।
केमिकल से पके आम
आजकल आम कैल्शियम कार्बाइड से पकाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। किसी-किसी को इससे सिरदर्द, चक्कर, मुँह की जलन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
एलर्जी की संभावना
कुछ लोगों को आम खाने की वजह से एलर्जी भी हो सकती है- जैसे कि होंठ और मुँह के आसपास जलन, शरीर में कहीं खुजली या हल्का सूजन या रेयर केसेस में सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।
नुकसान से बचने के लिए कैसा आम खाना चाहिए?
- आजकल कार्बाइड युक्त आम भी बहुत खाया जाता है। लेकिन इससे बचना चाहिए और हमेशा प्राकृतिक रूप से पका हुए आम का ही सेवन करना चाहिए।
- दूध के साथ आम के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि आयुर्वेद में आम और दूध दोनों को गरम प्रकृति का माना गया है। इसके अलावा आम में अम्ल भी होता है, जो दूध के साथ सेवन करने से नुकसानदायक भी हो सकता है।