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गरीबी से बचने का एकमात्र तरीका है, कड़ी मेहनत करना -नारायण मूर्ति

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इंफोसिस के को-फाउंडर NR नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. पहले, हफ्ते में 70 घंटे काम करने और उसके बाद 3 शिफ्ट में काम करने की सलाह के बाद मूर्ति ने इस बार कहा है कि भारत के पास कवर करने के लिए अभी बहुत कुछ है.

What did Narayan Murthy say: उन्होंने कहा कि 2300 डॉलर (करीब 1.92 लाख रुपए) प्रति व्यक्ति कमाकर हम गरीब देश हैं. हमें एक मीडियम इनकम वाला देश बनने के लिए 8000 से 10000 डॉलर (करीब 6.67 लाख-8.34 लाख) प्रति व्यक्ति इनकम करना होगा। इसे पाने के लिए 8% एनुअल ग्रोथ रेट पर भी हमें 16 से 18 साल लग जाएंगे।

70 घंटे काम करना जरुरी

नारायण मूर्ति ने कहा कि भारतीय युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे करना चाहिए। उनके इस बात से हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि इसकी कोई चिंता नहीं है. आगे उन्होंने कहा युवाओं को प्रोडक्टिविटी और कॉम्पिटिशन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय तक काम करना जरुरी है.

40 साल के करियर में हर हफ्ते 70 घंटे काम किया

उन्होंने कहा कि 1981 में इंफोसिस को खड़ा करने के लिए उन्होंने खुद घंटों काम किया है. मूर्ति ने कहा कि 40 साल के अपने प्रोफेशनल करियर में हर हफ्ते 70 घंटे काम किया है. 1994 तक, जब हफ्ते में 6 दिन काम होता था, तब मैं कम से कम 85 से 90 घंटे काम करता था. ये मेहनत बर्बाद नहीं हुई.

गरीबी से उभरने के लिए कड़ी मेहनत जरुरी है.

इंफोसिस के को-फाउंडर NR नारायण मूर्ति ने कहा कि काम की यह नैतिकता उनमें बहुत पहले ही पैदा हो गई थी. मूर्ति ने आगे बताया कि मेरे पैरेंट्स ने मुझे जीवन के शुरूआती दिनों में बता दिया था कि गरीबी से बचने का एकमात्र तरीका है-बहुत काम करना और कड़ी मेहनत करना। बेशक, इस फॉर्मूले पर चलकर हर घंटे बेहतर प्रोडक्टविटी मिलती है.

हाल ही में नारायण मूर्ति ने कहा था कि भारतीयों को अगर दुनिया से कॉम्पिटिशन करना है तो तीन शिफ्ट में काम करना होगा। इससे पहले मूर्ति ने कहा था कि भारतीयों को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की जरूरत है.

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