सऊदी अरब का मक्का शहर इस्लाम को मानने वालों के लिए एक पवित्र स्थल है जहाँ हर साल बड़ी संख्या में लोग हज़ यात्रा पर आते हैं.दुनिया के हर कोने से सऊदी अरब के इस शहर में मुसलमान शिरकत करते हैं.हज इस्लाम के चार फर्ज में से एक है.अन्य चार के नाम हैं कलमा, रोज़ा, नमाज़ और ज़कात।ये दुनिया भर के मुसलमानों का महाकुंभ है लेकिन इस बार 14 जून से शुरू हुई हजयात्रा में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा चर्चा का विषय बन गया.सऊदी सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कुल 1300 हज यात्रियों की गर्मी के कारण मौत हो गई है इनमे से ज्यादातर यानि कुल 83 फ़ीसदी मामले उनके हैं जो बिना आधिकारिक अनुमति के गैर कानूनी तरीकों से हज यात्रा पर आये थे.इस बात की पुष्टि सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री ने की है.कई देशों ने अपने देश के मरने वाले यात्रियों के आधिकारिक आंकड़ों को जारी किया है.इसमें भारत के कुल 98 यात्री शामिल हैं.वहीँ मरने वालों में सबसे ज्यादा मिश्र के यात्री हैं.कुल 658,जिनमे से 630 बिना परमिशन के पहुंचे थे.दरअसल हज यात्रा के दौरान पारा 50 डिग्री को पार कर गया था इस वजह से लोग बेहोश हो कर गिरने लगे.इस यात्रा में जो श्रद्धालु कानूनी तरीकों से पहुँचते हैं उन्हें एयर कंडिशन्ड टेंट्स और बाकी सारी अन्य सुविधाएं मिलती हैं लेकिन जो बिना परमिशन के आते हैं उन्हें धूप में ही लम्बी यात्रा करनी पड़ती है जिस वजह से ऐसी घटनाएं सामने आती हैं.
चौंकाने वाले खुलासे वहीँ बीबीसी की एक रिपोर्ट इस पूरे मामले पर चौकाने वाला खुलासा करती है.इसके मुताबिक कुछ पाकिस्तानी हजयात्रियों का कहना है कि भारत,पाकिस्तान और बांग्लादेश से गए यात्रियों के साथ भेदभाव पूर्ण बर्ताव किया गया है.उन्हें 800 लोगों के साथ एक कमरे में रखा गया और कई लोगों को बाथरूम के बाहर मजबूरी में सोना पड़ा.इनमे पाकिस्तान,भारत और बांग्लादेश के लोग शामिल थे.कई लोगों ने बड़ी संख्या में मौत का इलज़ाम सऊदी सरकार की व्यवस्थाओं पर लगाया है.
4 लाख अवैध यात्री थे शामिल इस साल लगभग 2 मिलियन श्रद्धालु हज यात्रा में शामिल हुए थे.इससे पहले साल 1985 में इतनी बड़ी संख्या में हज पर आये यात्रियों की मौत हो थी.उस वक्त ये संख्या 1700 थी.तब भी मौत का कारण अत्यधिक गर्मी का पड़ना ही था.इस बार बिना परमिशन और डॉक्यूमेंटेशन के आने वाले श्रद्धालुओं ने हज के नाम पर चल रहे अवैध व्यवसाय पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है और उससे भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है सऊदी सरकार की इसको लेकर बनाई गयी व्यवस्थाओं पर.सऊदी सरकार के एक ऑफिसियल ने बताया कि इस बार 400,000 के करीब यात्री ऐसे थे जिनके पास कोई भी आधिकारिक दस्तावेज़ या अनुमति नहीं थी.
इन मौतों का असर दुनिया के कई देशों में पड़ रहा है.Tunisia जिसके 50 नागरिक हज यात्रा में मारे गए इसने अपने देश के रिलीजियस अफेयर्स मिनिस्टर को ससपेंड कर दिया है, वहीँ Egypt की अथॉरिटीज का कहना है कि वो ऐसी 16 कम्पनीज़ के लाइसेंस को रद्द करेगी जिन्होंने गैर कानूनी तरीकों से तीर्थयात्रियों को यात्रा के लिए वीज़ा दिया और बदले में सुविधाएं मुहैया नहीं कराई।
हज के दौरान अगर हुई मौत तो शरीर वापस नहीं जाएगा आइये अब बात कर लेते हैं हज यात्रा के दौरान होने वाली मौतों को लेकर सऊदी अरब के कानून के बारे में.यात्रा में जाने से पहले ही हजयात्रियों को इस बात की मंजूरी देनी होती है कि अगर हज के दौरान उनकी मौत हो जाती तो उनके शरीर को उनके देश नहीं भेजा जाएगा,बल्कि शरीर का अंतिम संस्कार सऊदी में ही किया जाएगा।इसके लिए अगर आखिरी वक्त में परिवार के किसी व्यक्ति को विरोध भी होता है तो उसकी बात नहीं सुनी जाएगी।