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Yoga Poses For Thyroid : वजन बढ़ने के साथ झड़ रहें बाल तो थायरॉइड के हैं लक्षण, योग से करें इलाज 

Yoga Poses For Thyroid : आजकल लोग कम उम्र में ही थायरॉइड की चपेट में आ जा रहें हैं। थायरॉइड का बढ़ा हुआ लेवल सेहत को काफी नुकसान पहुँचाता है। अचानक वजन बढ़ने के साथ तेजी से बाल झड़ना थायरॉइड के प्रमुख लक्षण हैं। थायरॉइड से बचने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। आज इस लेख में हम आपको कुछ योगासन की मदद से थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखने के टिप्स बताएंगे। इससे शरीर भी फिट रहेगा।

कैसे जानें थायरॉइड की समस्या है?

थायरॉइड एक गंभीर समस्या बन चुका है। खराब लाइफस्टाइल के चलते लोग ज्यादातर लोग थायरॉइड से पीड़ित हो रहें हैं। थायरॉइड ग्लैंड गले के आगे के हिस्से में मौजूद होती है, जो आकार में काफी छोटी होती है। यही ग्लैंड थायरॉइड हार्मोन रिलीज करती हैं। थायरॉइड ग्लैंड मेटाबॉलिज्म और शरीर के अन्य जरूरी फंक्शन को को कंट्रोल करती हैं। जैसे हार्ट बीट, तापमान, फर्टिलिटी, मेंटल एक्टिविटी को नियंत्रित रखने का कार्य थायरॉइड ग्लैंड का ही होता है। थायरॉइड की समस्या तब होती है, जब थायरॉइड ग्लैंड हार्मोन का फार्मेशन कम एक ज्यादा मात्रा में करने लगती हैं।

योग से करें थायरॉइड का इलाज (Yoga Poses For Thyroid)

थायरॉइड की समस्या महिलाओं में अधिक पाई जाने लगी है। जिसका कारण हैं कि महिलाएं अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दें पाती हैं। आजकल महिलाएं ज्यादातर काम बिना शारीरिक श्रम के करती हैं, जिससे उनका शरीर निष्क्रिय होने लगता है। ऐसे में महिलाओं को योग का सहारा लेना चाहिए। योगासन की मदद से महिलाएं थायरॉइड की समस्या से निजात पा सकती हैं।

भुजंगासन (कोबरा पोज)

भुजंगासन (Yoga Poses For Thyroid) करने के कई फायदे हैं। इससे थायराइड ग्लैंड एक्टिव बनती है। इससे पीठ को भी मजबूती मिलती है। भुजंगासन से पेट के अंगों को मालिश होती है। भुजंगासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों को कंधों के नीचे रखें। अब अपने पेट को जमीन से उठाएं और पीठ को धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकाएं। इसके बाद अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं और सीधे ऊपर देखें। इस अवस्था में 15-20 सेकंड के लिए रुकें। फिर मूल स्थिति में वापस आ जाएं।

धनुरासन (बो पोज) (Yoga Poses For Thyroid)

धनुरासन करने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। यह योगासन थायराइड ग्लैंड को एक्टिव बनाता है। इसे करने से पीठ और पेट को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही पाचन में सुधार करता है। धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़कर अपने पैरों को अपने नितंबों की ओर लाएं। इसके बाद दोनों हाथों से अपने टखनों को पकड़ें। अब अपने दोनों पैरों और छाती को जमीन से उठाएं। फिर सिर को पीछे की ओर झुकाएं। इस अवस्था में 15-20 सेकंड के लिए रुकें। फिर मूल स्थिति में वापस आ जाएं।

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उष्ट्रासन (कैमल पोज)

उष्ट्रासन करने से थायराइड ग्लैंड को एक्टिव रहती है। इस योगासन (Yoga Poses For Thyroid) से भी पीठ को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही पाचन दुरस्त रहता है। उष्ट्रासन करने के लिए घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाएं। फिर हाथों से एड़ियों को पकड़ें। इस दौरान अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं। अब इसी मुद्रा में 15-20 सेकंड के लिए रुकें। फिर अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाएं।

सेतुबंधासन (ब्रिज पोज) (Yoga Poses For Thyroid)

सेतुबंधासन करने से शारीरिक संरचना में सुधार आता है। इस योगासन को करने से थायराइड ग्लैंड एक्टिव रहती हैं। इससे पीठ और कंधों को मजबूती मिलती है। इस योग से पाचन में सुधार आता है। सेतुबंधासन करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने घुटनों को मोड़कर पैरों को अपने नितंबों के पास लाएं। फिर अपने पैरों को कंधरों की चौड़ाई के बराबर रखें और हाथों को अपने पक्षों में रखें। इसके बाद अपने नितंबों और अपनी पीठ को जमीन से ऊपर उठाएं। इस अवस्था में 15-20 सेकंड के लिए रुकें। फिर अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाएं।

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