ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट में क्या है: काशी के ज्ञानवापी में हुए ASI सर्वे की रिपोर्ट (Gyanwapi ASI Survey Report)सार्वजनिक कर दी गई है. हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन (Vishnu Shankar Jain) ने दावा किया है कि ASI Report से यह स्पष्ट हो गया है कि ज्ञानवापी पहले मंदिर थी जिसे बाद में मस्जिद बनाया गया और इस दावे को सर्वे में मिले 32 साक्ष्य और भी पुख्ता कर देते हैं.
ज्ञानवापी ASI सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजानिक कर दिया गया है. 839 पन्नों की इस रिपोर्ट को दोनों हिन्दू-मुस्लिम पक्ष को सौंपा गया है. रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और दावा किया कि ज्ञानवापी के मंदिर होने के 32 सबूत मिले हैं. दावा किया गया कि ज्ञानवापी की दीवारों में कन्नड़, तेलगु, देवनागरी और ग्रंथा भाषाओँ के शिलालेख मिले हैं.
ज्ञानवापी के ASI सर्वे रिपोर्ट में क्या है?
हम अब आपको बताने वाले हैं कि ज्ञानवापी की ASI रिपोर्ट में वो कौन से 32 सबूत हैं जो इसे मंदिर होने के दावे को पुख्ता कर देते हैं. वैसे ये तो जाहिर है कि ज्ञानवापी कभी मंदिर ही हुआ करता था जिसे आक्रांता औरंगजेब ने ध्वस्त कर मस्जिद बना दी थी. बस बात इतनी है कि मामला कोर्ट में है तो आधिकारिक रूप से कोई दावा नहीं कर सकता है बाकी देश में तो श्री राम को भी कठघरे तक बुला लिया गया था. खैर हम उन 32 सबूतों के बारे में चर्चा करते हैं जो सर्वे में मिले हैं.
ज्ञानवापी के सर्वे में क्या मिला?
सबसे पहला सबूत जिसके लिए किसी सर्वे की नहीं सिर्फ आंखों की जरूरत है. ज्ञानवापी की पश्चिमी दिवार जिसे कोई अंधा भी स्पर्श करके बता सकता है कि ये तो मंदिर का ढांचा है. खैर ज्ञानवापी की पश्चिमी दिवार को देखकर साफ़ पता चलता है कि यह मंदिर की दिवार है. यह दिवार 5 हजार साल पहले नागर शैली में बनी है. दिवार के नीचे भी एक हजार साल पुराने अवशेष मिले हैं.
- विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मस्जिद का गुंबद सिर्फ 350 साल पुराना है जबकि इसकी दिवार 5000 साल पुरानी है. तथाकथित मस्जिद की अंदरूनी दिवार में त्रिशूल और स्वस्तिक की आकृति मिली हैं.
- ज्ञानवापी के अंदर औरंगजेब के वक़्त कि एक शिलापट भी मिली है जिसे फ़ारसी में लिखा गया है. कहा गया है कि इसमें मंदिर गिराने का आदेश लिखा है.
- ज्ञानवापी के तहखाने S2 में भी हिन्दू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं मिली हैं.
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है यहां मंदिर होने के सबूत मिटाए गए इसके भी साक्ष्य हैं.
- मंदिर के कुछ ऐसे पत्थर मिले जो तोड़े गए हैं जिनपर मस्जिद बनाने की तारीख लिखी गई है और उस तारीख को मिटाने की कोशिश हुई है.
- ASI ने जदुनाथ सरकार के इस निष्कर्ष पर भरोसा जताया है कि 2 सितंबर 1669 को मंदिर ढहा दिया गया था।
- रिपोर्ट में दावा है कि मंदिर की प्राचीन मूर्तियों को मस्जिद के नीचे दबाया गया है
- ASI ने 84 दिनों में ज्ञानवापी परिसर में GPR, फोटोग्राफ, विदेओग्राफ समेत कई पहलुओं पर सर्वे किया। ASI ने 36 दिनों के भीतर इसकी रिपोर्ट तैयार की, इसमें GPR रिपोर्ट तैयार में 30 दिन दिन लगे इस रिपोर्ट को अमेरिका के GPR सर्वे एक्सपर्ट ने तैयार किया है.
- हैदराबाद के साथ अमेरका के वैज्ञानिकों की टीम ने कई दिनों तक 10 मीटर तक की गहराई का गहन अध्यन किया फिर अमेरिका में 400 से लेकर 900 मेगा हर्ट्स से भी ज्यादा रेंज के रडार की मदद से रिपोर्ट बनाई।
- हिंदू पक्ष जो जीत दिलाने के लिए ASI रिपोर्ट काफी मालूम पड़ती है और इससे ये भी मालूम होता है कि मुस्लिम पक्ष ASI सर्वे का इतना विरोध क्यों कर रहा था. पूर्व ASI निदेशक KK मोहम्मद भी कह चुके हैं कि मुस्लिम पक्ष को ज्ञानवापी हिन्दुओं को सौंप देनी चाहिए।
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