Indian Illegal Immigrant Controversy: बीते दिन अमेरिकी सरकार ने 104 भारतीयों को वापस भारत डिपोर्ट किया। अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों (Indian Illegal Immigrant) के साथ ट्रंप सरकार और उनकी सेना ने क्रिमिनल्स की तरह व्यव्हार किया। 40 घंटों तक उनके हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीर बांध कर रखा गया, उन्हें जानबूझकर यूएस मिलिट्री के विमान से अमृतसर के एयरफोर्स एयरबेस (Amritsar Airbase) में उतारा गया जबकि ट्रंप सरकार (Donald Trump Indian Illegal Immigrant)अवैध प्रवासी भारतीयों को पैसेंजर विमान से भेजकर कम खर्च में ये काम पूरा कर सकती थी.
भारतीय प्रवासियों के साथ अमानवीय व्यव्हार!
Indian Illegal Immigrant News Hindi : भारत में विपक्ष ने इस डिपोर्टेशन (Deportation Of Indian Illegal Immigrant) का मुद्दा खड़ा कर दिया, मुद्दा ये नहीं है कि अमेरिकी सरकार ने अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस इंडिया भेज दिया, मुद्दा ये है कि उनके साथ बुरा बर्ताव हुआ. उनके साथ अमानवीयता की गई, उन्हें अपराधियों की तरह मिलिट्री विमान से हाथ पैर बांधकर भेजा गया. इससे दुनिया के सामने भारत की छवि कमजोर हुई, भारतीयों का अपमान हुआ. ट्रंप के ऐसा करने से यह सन्देश गया कि वो भारत को एक कमजोर देश समझते हैं, जैसा की वो मैक्सिको, पनामा, ब्राजील को समझते हैं.
संसद में प्रदर्शन
संसद से लेकर सोशल मीडिया में लोग मोदी गवर्नमेंट को क्रिटिसाइज कर रहे हैं, इस डिपोर्टेशन को भारत की विदेश निति का फेल्योर बता रहे हैं,लोग कह रहे हैं कि ये कैसी दोस्ती है, माना कि अमेरिका, भारत से शक्तिशाली है, कई मामलों में भारत अमेरिका पर निर्भर है, लेकर इसका मतलब ये तो नहीं कि ट्रंप सरकार इस तरह भारतियों और भारत का अपमान करे ?
कोलंबिया के प्रेसिडेंट गुस्तावो पेट्रो की वाहवाही
Gustavo Petro Vs Trump : इस बीच भारत में ही कुछ जाने माने लोग कोलंबिया के प्रेसिडेंट गुस्तावो पेट्रो (Gustavo Petro) की खूब तारीफ कर रहे हैं, ये दावा किया जा रहा है कि भारत के प्रधान मंत्री से ठीक तो कोलंबिया के प्रेसिडेंट (Gustavo Petro Vs Narendra Modi) हैं जिन्होंने डोनाल्ड ट्रंप सरकार को मुहतोड़ जवाब दिया।
ऐसा दावा किया जा रहा है कि जब ट्रंप सरकार ने कोलंबिया के अवैध प्रवासियों को मिलिट्री विमान से वापस कोलंबिया भेजना शुरू किया तो गुस्तावो पेट्रो ने उन्हें स्वीकार करने से मना कर दिया, कोलंबिया के प्रेसिडेंट ने साफ़ कह दिया कि हम अपने नागरिकों को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं मगर मिलिट्री विमान से नहीं, उनके साथ क्रिमिनल जैसा व्यव्हार नहीं होने देंगे, हम अपने नागरिकों को अपने खुद के विमान से सम्मानजनक तरीके से वापस लाएंगे।
अब इस दावे के आधार पर लोग कह रहे हैं कि मोदी से बेहतर तो कोलंबिया के प्रेसिडेंट (Gustavo Petro On Illegal Immigrants ) हैं जो अपने नागरिकों के सम्मान के लिए ट्रंप से भिड़ गए और मोदी ने अबतक एक शब्द नहीं कहा. रविश कुमार ने तो कोलम्बियाई प्रेसिडेंट की तारीफ में वीडियो बना दिया। कांग्रेस का कहना है कि भारत के प्रधान मंत्री से ज्यादा हिम्मत तो कोलंबिया के राष्ट्रपति में हैं, उन्होंने अपना विमान भेजकर नागरिकों को वापस लाने का काम किया
देखा जाए तो ये दावा सच है, कोलम्बियाई प्रेसिडेंट ने 26 जनवरी को ऐसा ट्वीट करते हुए ट्रंप की इस हरकत का विरोध किया था, यूएस मिलिट्री के विमानों लैंड होने से रोका भी था और, अपने नागरिकों को अपने ही प्लेन से वापस लाने की बात भी कही थी. लेकिन उसके बाद क्या हुआ, ये न तो तुलना करने वाला विपक्ष बता रहा है और ना ही रविश कुमार।
इस ट्वीट के बाद हुआ कुछ ऐसा कि ट्रंप कोलम्बियाई प्रेसिडेंट के जवाब से खिसिया गए, ट्रंप ने अगले दिन अपने सोशल मीडिया प्लेफॉर्म ट्रुथ में, इसकी जानकारी देते हुए सीधा कोलंबिया पर 50% टैरिफ लगाने का आदेश जारी कर दिया, इतना ही नहीं, कोलम्बियाई सरकार के अधिकारीयों और सरकार के समर्थकों का ट्रैवेल वीजा बैन कर दिया, कोलम्बिआई सरकार के पार्टी मेंबर्स, फैमिली मेंबर के वीजा पर रोक लगा दी. और इसके अलावा भी कई फाइनेंशियल सेंक्शन लगाने का आदेश दे दिया। ट्रंप के इस इमिडिएट एक्शन से कोलम्बिआ के राष्ट्रपति घबरा गए, उन्होंने तुरंत ट्रंप की शर्तों को बिना किसी शर्त के मान लिया। और व्हाइट हॉउस ने बाकायदा एक प्रेस नोट जारी करते हुए इसकी जानकारी दी। कोलंबिया के प्रेसिडेंट जिनकी विपक्ष तारीफ के कसीदे पढ़ रहा है वो ये नहीं बता रहा अपनी बात से पलट गए और टेरिफ के डर से अमेरिका की सभी शर्तों को मान भी लिया।
और अगर ऐसा ही विरोध भारत कर देता और ट्रंप ऐसा ही आदेश भारत के खिलाफ जारी कर देते तो विपक्ष सिर के बल खड़ा हो जाता, इसे भी भारत की विदेशी निति का फेल्योर कहा जाने लगता। जो अभी भी कहा जा रहा है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर संसद में प्रदर्शन कर रहा है, गुरुवार को विपक्ष के लोग हाथ में हथकड़ी बांधे दिखे, विपक्ष ने इसे मानविधार का उन्लंघन बताया,
इस बवाल के बीच संसद की कार्रवाई स्थगित की गई, 2 बजे फिर से कार्रवाई शुरू हुई और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, अवैध प्रवासियों का डिपोर्टेशन कोई नया नहीं है, और अवैध इमिग्रेशन सही नहीं है, भारत सरकार हर रूप में लीगल मूवमेंट के पक्ष में है, उन्होंने ये कहा कि हम अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि वापस लौटने वाले भारतीयों के साथ बुरा व्यव्हार न हो.
वैसे विपक्ष जिन नागरिकों के लिए हंगामा कर रहा है वो कोई मेडल जीतने अमेरिका नहीं गए थे, उन्होंने अमेरिका जाने के लिए गलत और गैर कानूनी कदम उठाए, वो खुद सम्मानजनक तरीके से वीजा लेकर वहां रहने नहीं गए, ऐसे लोगों के कारण देश को शर्मशार होना पड़ता है. और जाहिर सी बात है कोई भी देश अवैध प्रवासियों का सम्मान नहीं करेगा। खैर अमेरिका ने 20 हजार से ज्यादा अवैध भारतीय प्रवासियों को चिन्हित किया है जिन्हे भारत डिपोर्ट किया जाना है. इन्हे अब मिलिट्री विमान से ही वापस इंडिया लाया जाएगा या पैसेंजर विमान से ये देखने वाली बात होगी। वैसे संसद में प्रदर्शन और कोलम्बियाई राष्ट्रपति की मोदी से तुलना को लेकर अपनी राय हमें कमेंट बोस में जरूर बताएं