खुलासा: आतंकी पन्नू ने केजरीवाल को क्यों दिए 133 करोड़?

Gurpatwant Singh Pannun Arvind Kejriwal Video: दिल्ली शराब निति घोटाला मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल इस समय ED की कस्टडी में हैं. केजरीवाल को दिल्ली लिकर पॉलिसी स्कैम का मास्टरमाइंड होने के आरोप हैं. इस बीच केजरीवाल पर एक और बड़ा आरोप लगा है. इस बार आरोप लगाने वालों में कोई जांच एजेंसी या राजनितिक पार्टी नहीं बल्कि भारत सरकार द्वारा घोषित खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू है. आतंकी पन्नू ने केजरीवाल पर 133 करोड़ रुपए लेकर वादा तोड़ने का आरोप लगाया है. कैसा वादा? आतंकी भुल्लर को जेल से छुड़ाने का वादा।

पन्नू का केजरीवाल को लेकर खुलासा

प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के चीफ पन्नू ने ढाई मिनट का एक वीडियो जारी किया है. जिसमे वो ये दावा कर रहा है कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने 9 साल पहले खालिस्तानियों के साथ हुई एक मीटिंग में आतंकी भुल्लर को रिहा करने का वादा किया था और इसके बदले उसे 133 करोड़ रुपए का चंदा दिया गया था.

पन्नू ने अपने वीडियो में कहा कि अरविंद केजरीवाल खुद को ईमानदार हिन्दू कहता है. लेकिन वो एक बेईमान हिन्दू है. 2014 में जब उसके पास सत्ता नहीं थी तब उसने अमेरिका आकर न्यूयॉर्क में खालिस्तानियों से वादा किया था कि अगर उसकी सरकार बनी तो वह प्रोफेसर देविंदर पाल सिंह भुल्लर को 5 घंटे के अंदर जेल से रिहा कर देगा। पन्नू ने कहा कि खालिस्तानियों ने AAP सरकार बनाने के लिए 16 मिलियन डॉलर की मदद की थी. आखिर में उसने कहा कि पंजाब में सिखों के खिलाफ झूठे केस, हमारे 16 मिलियन डॉलर और अमृतपाल पर NSA लगाने का हिसाब जेल में जरूर होगा।

बता दें कि इस वीडियो में पन्नू जिस भुल्लर की बात कह रहा है वो दिल्ली 1993 कार बम ब्लास्ट का दोषी है. यूथ कांग्रेस ऑफिस के बाहर हुए इस कार धमाके में 9 लोगों की जाँच चली गई थी. पन्नू का दावा है कि इसी आतंकी को रिहा करने की एवज में केजरीवाल ने खालिस्तानी संगठनों ने 16 मिलियन डॉलर का चंदा लिया था.

बहरहाल इस वीडियो ने देश में हड़कंप मचा दिया है. लेकिन जेल से चल रही दिल्ली सरकार के किसी भी नेता ने इसपर कोई रिएक्शन नहीं दिया है. विपक्षी दल भी पन्नू के वीडियो पर चुप बैठे हुए हैं. गौरतलब है कि अरविन्द केजरीवाल पर खालिस्तानियों से जुड़े होने का दावा कुमार विश्वास ने किया था. उन्होंने कहा था की अरविंद केजरीवाल ने उनसे एक बार पंजाब को भारत से अलग कर आजाद सूबे का प्रधान मंत्री बनने की इच्छा जताई थी.

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