खालिस्तानी चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) विवावद के कारण अमेरिका और भारत के रिश्ते खराब हो सकते हैं. US की तरफ से कहा गया है कि अगर सभी आरोपों की जांच ढंग से नहीं की जाएगी तो US-भारत पार्टनरशिप को नुकसान पहुँच सकता है.
पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) की हत्या की साजिश मामले में अमेरिका के कुछ सांसदों ने बयान जारी किया है. बयान में सीधे-सीधे कहा गया है कि अगर भारत पर लगे ारतोपों को ठीक से जांचा नहीं जाता है, तो भारत US के संबंध खराब हो सकते हैं. उसमे कार्यवाई कड़ी कार्यवाई करने और ऐसा दोबारा न हो,इस बात का भरोसा देने को भी कहा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,पिछले महीने के 15 तारिक को बाइडेन प्रसाशन के अधिकारीयों ने पन्नू के मामले पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों को ब्रीफ दिया था. कांग्रेस से आमिर बेरा,प्रमिला जयपाल,राजा कृष्णमूर्ति, और श्री थानेदार। फिर इसके बाद पांचों सांसदों ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया। बयान में कहा गया है ” आरोप पात्र में लगाए गए आरोप बेहद चिंताजनक है. हत्या की साजिश जांचने के लिए भारत सरकार ने समिति बनाई है-हम इसका स्वागत करते है. ये जरुरी है कि भारत इस मामले की जांच कायदे से करे. भारत सरकार के अधिकारीयों समेत बाकी आरोपियों को कटघरे में खड़ा कर यह भरोसा दे की आगे ऐसा कुछ भी दोबारा नहीं होगा।
हमारा ऐसा मानना है कि US और भारत की पार्टनरशिप ने दोनों देशों के लोगों के जीवन पर एक सार्थक असर डाला है. लेकिन हमे इस बात की चिंता है कि भारत अगर इस मामले पर संवेदनशील नहीं होता है तो फिर दोनों देशों के बिच जो पार्टनरशिप है उसको नुकसान हो सकता है.
गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) वाले खालिस्तानी सार्थक समूह सिख फॉर जस्टिस ने अमेरिकी प्रशासन के बयान का स्वागत किया है.पन्नू ने इस बयान पर कहा कि, “ये आश्वस्त करने वाली बात है कि अमेरका जो एक कांग्रेस देश है वो विदेश में अपने अमेरिकी नागरिकों के जीवन, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी की सुरक्षा करने के अपने मौलिक संवैधानिक कर्तव्य को लेकर ईंमानदार और दृढ है. यह अमेरिकी लोकतंत्र की खूबसूरती को दर्शाता है. .