गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (Gujarat ATS) ने 29 जुलाई 2025 को बेंगलुरु से 30 वर्षीय महिला शमा परवीन (Shama Parveen) को गिरफ्तार कर एक बड़े आतंकी मॉड्यूल (Terror Module) का पर्दाफाश किया है। शमा परवीन पर अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के साथ संबंध और भारत में आतंकी गतिविधियों (Terrorist Activities) को बढ़ावा देने का आरोप है।
वह कथित तौर पर इस मॉड्यूल की मुख्य संचालक थी और सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम (Instagram Radicalization), के जरिए युवाओं को कट्टरपंथ की ओर प्रेरित कर रही थी। यह गिरफ्तारी गुजरात ATS की 23 जुलाई को चार अन्य आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद की गई जांच का परिणाम है। इस कार्रवाई ने कर्नाटक में आतंकी नेटवर्क (Karnataka Terror Network) की मौजूदगी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
शमा परवीन की गिरफ्तारी
Al-Qaeda Operative Arrest: गुजरात ATS ने बेंगलुरु के हेब्बल इलाकेमें मंगलवार सुबह शमा परवीन को एक संयुक्त ऑपरेशन में गिरफ्तार किया, जिसमें बेंगलुरु पुलिस (Bengaluru Police) ने भी सहयोग किया। शमा, जो मूल रूप से झारखंड की रहने वाली है, पिछले तीन साल से अपने भाई, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, के साथ बेंगलुरु के मनोरायनपाल्या में रह रही थी।
ATS के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल सुनील जोशी (Sunil Joshi) के अनुसार, शमा परवीन AQIS से जुड़े एक अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल (Inter-State Terror Module) की मुख्य संचालक थी। उसकी जिम्मेदारी सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भारत विरोधी गतिवधियों और जिहादी प्रचार (Jihadist Propaganda) में शामिल करना थी।
छापेमारी के दौरान ATS ने शमा के घर से लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए, जो अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच में पाया गया कि वह इंस्टाग्राम पर पांच संदिग्ध अकाउंट्स (@sharyat_ya_shahadat, @f4rdeen_03, @_mujahideen1, @mujahideen.3, @sefullah_muja_hid313) के जरिए AQIS की विचारधारा, भड़काऊ वीडियो और ‘गजवा-ए-हिंद’ (Ghazwa-e-Hind) जैसे कट्टरपंथी संदेश फैला रही थी।
गिरफ्तारी के बाद शमा को बेंगलुरु की 8वीं अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट (ACMM Court) में पेश किया गया, जहां से उसे गुजरात ले जाने के लिए ट्रांजिट वारंट मिला। वहां उससे गहन पूछताछ और आतंकी नेटवर्क की गहराई जानने की कोशिश की जा रही है।
शमा परवीन की गिरफ्तारी 23 जुलाई 2025 को चार अन्य आतंकियों की गिरफ्तारी से जुड़ी है, जिन्हें गुजरात, दिल्ली और नोएडा से पकड़ा गया था। इनकी पहचान मोहम्मद फैक (Mohd Faiq) दिल्ली से, जीशान अली (Zeeshan Ali) नोएडा से, सैफुल्लाह कुरैशी (Saifullah Qureshi) अरवल्ली के मोडासा से, और मोहम्मद फरदीन शेख (Mohd Fardeen Shaikh) अहमदाबाद से हुई थी।
इन चारों पर AQIS की विचारधारा को बढ़ावा देने, शरिया कानून (Sharia Law) लागू करने की वकालत करने और सांप्रदायिक नफरत (Communal Hatred) फैलाने का आरोप था। ATS को इनके मोबाइल फोनों से तलवार लहराते हुए एक वीडियो (Sword-Wielding Video) और AQIS के पूर्व नेता आसिम उमर (Asim Umar) का प्रचार वीडियो मिला, जो 2019 में अफगानिस्तान में मारा गया था।
इन चारों की पूछताछ के दौरान शमा परवीन का नाम सामने आया, जिसके बाद ATS ने बेंगलुरु में निगरानी बढ़ाई। डिजिटल फॉरेंसिक और खुफिया जानकारी (Intelligence Inputs) के आधार पर शमा को मॉड्यूल का मास्टरमाइंड (Mastermind of Terror Module) माना गया।
जांच में संकेत मिले हैं कि यह मॉड्यूल भारत के बाहर के हैंडलर्स (Foreign Handlers) के संपर्क में था, जो देश में आतंकी हमलों (Planned Terror Attacks) की साजिश रच रहा था। ATS अब 62 अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच कर रही है।
कर्नाटक में बढ़ता खतरा
Terror Threat in Karnataka: शमा परवीन की गिरफ्तारी ने बेंगलुरु में आतंकी गतिविधियों (Bengaluru Terror Activities) की मौजूदगी पर गंभीर चिंता जताई है। यह दूसरी बड़ी घटना है, क्योंकि इससे पहले 31 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बेंगलुरु के केम्पे गौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Bengaluru Airport) से हिजब-उत-तहरीर (Hizb-ut-Tahrir) के संदिग्ध अजीज अहमद (Aziz Ahamad) को गिरफ्तार किया था, जो इस्लामिक खलीफा (Islamic Caliphate) स्थापित करने की साजिश में शामिल था।
इस गिरफ्तारी के बाद बेंगलुरु में खुफिया निगरानी (Intelligence Surveillance) को और सख्त कर दिया गया है। पुलिस और ATS अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी (Raids in Bengaluru) कर रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकी संगठन अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स (Digital Platforms) का इस्तेमाल युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने और आतंकी गतिविधियों को समन्वय करने के लिए कर रहे हैं।
शमा परवीन की गिरफ्तारी गुजरात ATS की आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों (Counter-Terrorism Operations) में एक बड़ी सफलता है। यह घटना भारत में डिजिटल कट्टरपंथ और आतंकी नेटवर्क की बढ़ती चुनौतियों को उजागर करती है। शमा के नेतृत्व में AQIS का यह मॉड्यूल देश में सांप्रदायिक अशांति और आतंकी हमलों की साजिश रच रहा था। भारत सरकार और खुफिया एजेंसियां अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनकी योजनाओं को उजागर करने के लिए गहन जांच कर रही हैं। यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूत करती है और देश में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की जरूरत पर बल देती है