MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से मिली अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत

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MP Teacher Recruitment Exam: अब ऐसे अतिथि शिक्षक भी परीक्षा फार्म भर सकेंगे, जिनके तीन शैक्षणिक सत्र में 200 दिन का शिक्षण अनुभव पूरा नहीं हुआ है। उन्हें दस्तावेज सत्यापन के समय एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट जमा करना होगा।

MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हजारों अतिथि शिक्षकों को आवेदन के समय अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड करने की अनिवार्यता से राहत दी है। अब ऐसे अतिथि शिक्षक भी परीक्षा फार्म भर सकेंगे, जिनके तीन शैक्षणिक सत्र में 200 दिन का शिक्षण अनुभव पूरा नहीं हुआ है। उन्हें दस्तावेज सत्यापन के समय एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट जमा करना होगा।

मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ESB) ने इस बार की भर्ती में नया नियम लागू किया था, जिसमें आवेदन के समय ही अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य कर दिया। जबकि पिछली भर्तियों में ये दस्तावेज काउंसलिंग के लिए समय मांगा जाता था। सिवनी के सुनीता कटरे, कृष्णकांत शर्मा और अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी और ईशान सोनी ने कोर्ट में दलील दी कि परीक्षा रूल बुक की धारा 12(6) के अनुसार योग्यता से जुड़े दस्तावेज काउंसलिंग के समय जमा किए जा सकते हैं।

अधिवक्ता धीरज तिवारी ने बताया कि 2023 की भर्ती में 31 मार्च 2024 तक अनुभव प्रमाण पत्र जमा करने की छूट थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नया नियम संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 का उल्लंघन करता है। भर्ती अधिसूचना में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि अनुभव प्रमाण पत्र केवल आवेदन के समय ही स्वीकार किया जाएगा। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति द्वारिकाधीश बंसल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अधीन कर दिया। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षकों को बिना अनुभव प्रमाण पत्र “YES” विकल्प चुनकर आवेदन करने की अनुमति होगी।

किसे मिलेगा फैसले का लाभ?

200 दिन और तीन सत्रों की न्यूनतम अनुभव शर्त को वर्तमान शैक्षणिक सत्र में पूरा करने वाले अतिथि शिक्षकों को इस फैसले का लाभ मिलेगा। उनका प्रमाण पत्र दस्तावेज सत्यापन के समय ही उपलब्ध होगा। इस नई अनिवार्यता के कारण आवेदन नहीं कर पाने वाले अतिथि शिक्षक अब बिना प्रमाण पत्र अपलोड किए आवेदन कर सकेंगे।

आगे क्या होगा ?

हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार कर्मचारी चयन मंडल को शिक्षक चयन परीक्षा के आवेदन करने की प्रक्रिया में बदलाव करना होगा। ताकि अतिथि शिक्षक अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए बगैर “YES” विकल्प चुनकर आवेदन कर सकें। न्यायालय ने भर्ती को याचिका के अधीन किया है, जिसका अर्थ है कि भर्ती प्रक्रिया न्यायालय के फैसले के अनुसार आगे बढ़ेगी।

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