GST रिटर्न फाइलिंग में बड़ा बदलाव: 1 जुलाई 2025 से 3 साल पुराने रिटर्न नहीं होंगे स्वीकार, GSTN का नया नियम

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) ने 18 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की, जिसमें GST रिटर्न (GST Return) फाइलिंग के नियमों में बड़े बदलाव की घोषणा की गई। फाइनेंस एक्ट 2023 (Finance Act 2023) के तहत, 1 जुलाई 2025 से GST पोर्टल (GST Portal) पर तीन साल से पुराने रिटर्न फाइल करने की अनुमति नहीं होगी। इसका मतलब है कि अगर कोई रिटर्न अपनी मूल देय तारीख से तीन साल बाद तक फाइल नहीं किया गया, तो वह स्थायी रूप से ब्लॉक हो जाएगा।

नए नियम का विवरण:

  • यह नियम GSTR-1 (आउटवर्ड सप्लाई), GSTR-3B (मासिक समरी रिटर्न), GSTR-4 (कंपोजिशन स्कीम), GSTR-5 (नॉन-रेजिडेंट टैक्सपेयर), GSTR-5A (OIDAR सर्विस प्रोवाइडर), GSTR-6 (इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर), GSTR-7 (TDS), GSTR-8 (TCS), और GSTR-9 (एनुअल रिटर्न) पर लागू होगा।
  • उदाहरण के तौर पर, अगर जुलाई 2022 का GSTR-3B रिटर्न, जिसकी देय तारीख 20 अगस्त 2022 थी, 20 अगस्त 2025 तक फाइल नहीं हुआ, तो उसे हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा।
  • यह प्रतिबंध CGST एक्ट (CGST Act) की धारा 37, 39, 44, और 52 के तहत लागू होगा, जो 1 अक्टूबर 2023 से प्रभावी है, लेकिन जुलाई 2025 से पोर्टल पर तकनीकी रूप से लागू होगा।

प्रभाव और जोखिम:

  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit) का स्थायी नुकसान होगा, अगर सप्लायर ने रिटर्न फाइल नहीं किया, क्योंकि खरीदार ITC का दावा नहीं कर पाएगा।
  • AMRG & एसोसिएट्स (AMRG & Associates) के सीनियर पार्टनर रजत मोहन (Rajat Mohan) ने कहा, “यह नियम सिस्टम में अनुशासन लाएगा, लेकिन बिना अपवाद के रास्ते के यह उन टैक्सपेयर्स को नुकसान पहुंचा सकता है जो मुकदमेबाजी या सिस्टम समस्याओं के कारण रिटर्न फाइल नहीं कर पाए।”
  • गैर-अनुपालन के कारण भारी जुर्माना (10% टैक्स या न्यूनतम 10,000 रुपये), 18% ब्याज, और GSTIN रद्दीकरण (GSTIN Cancellation) का खतरा बढ़ सकता है।

टैक्सपेयर्स के लिए सलाह:

  • GSTN ने टैक्सपेयर्स से तुरंत अपने रिकॉर्ड्स की जांच करने और लंबित रिटर्न फाइल करने को कहा है।
  • जिन रिटर्न्स की देय तारीख 1 जुलाई 2022 से पहले थी, उन्हें 30 जून 2025 तक फाइल करना होगा, वरना वे हमेशा के लिए ब्लॉक हो जाएंगे।
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered Accountant) या टैक्स प्रोफेशनल की मदद लेने की सलाह दी गई है ताकि गलतियों से बचा जा सके।
  • GSTR-1A (GSTR-1A) का इस्तेमाल कर आउटवर्ड सप्लाई में सुधार करें, क्योंकि जुलाई 2025 से GSTR-3B में ऑटो-पॉपुलेटेड डेटा को संपादित नहीं किया जा सकेगा।

पहले से चेतावनी:

  • GSTN ने अक्टूबर 2024 में पहली बार इस बदलाव की जानकारी दी थी, ताकि टैक्सपेयर्स को तैयारी का समय मिले।
  • सोशल मीडिया पर टैक्स प्रोफेशनल्स और बिजनेस ओनर्स ने इसे “कठोर लेकिन जरूरी” बताया, लेकिन कई ने अपवादों के लिए रास्ता न होने पर चिंता जताई।

क्यों जरूरी है यह नियम:

  • यह कदम GST अनुपालन (GST Compliance) को बढ़ावा देने, पुराने बैकलॉग को कम करने, और पोर्टल पर डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
  • सरकार का मानना है कि इससे फर्जी ITC दावों पर लगाम लगेगी और टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी।

टैक्सपेयर्स को सलाह है कि वे अपने GST रिकॉर्ड्स (GST Records) को तुरंत रिकॉन्साइल करें और लंबित रिटर्न्स को जून 2025 से पहले फाइल कर लें, वरना वित्तीय और कानूनी जोखिम उठाने पड़ सकते हैं।

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