Gross negligence at Rewa health center on Diwali: एक ओर जहां मध्य प्रदेश सरकार ने दीपावली के त्योहार के दौरान आपातकालीन सेवाओं के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में विशेष इंतजाम के निर्देश दिए थे, वहीं रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इन निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गईं।
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पर्ची काउंटर से लेकर दवा केंद्र तक बंद
दीपावली के दूसरे दिन, मंगलवार को सीएचसी में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की गैर-मौजूदगी के कारण मरीजों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। पटाखों से हुई जलन, दुर्घटनाओं और मौसमी बीमारियों (जैसे सर्दी-जुकाम) के बढ़ते मामलों के बीच, अस्पताल में ओपीडी, पर्ची काउंटर और दवा वितरण केंद्र बंद पाए गए। कई मरीजों को अस्पताल के गेट पर ताला लगा मिला।
निजी क्लीनिकों का सहारा, बढ़ा आर्थिक बोझ
सरकारी अस्पताल में इलाज न मिलने के कारण मरीजों को मजबूरी में निजी क्लीनिकों का रुख करना पड़ा। इससे न सिर्फ उनके इलाज में देरी हुई, बल्कि उन पर अनावश्यक आर्थिक बोझ भी बढ़ गया। स्थानीय निवासी रामस्वरूप ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा, “गांव में पटाखों से दो-तीन लोग झुलस गए थे। हम तुरंत सीएचसी पहुंचे, लेकिन वहां गेट बंद था और कोई डॉक्टर या स्टाफ नहीं था। मजबूरी में प्राइवेट डॉक्टर के पास जाना पड़ा, जहां 2-3 हजार रुपये का खर्च आया। अगर सरकारी अस्पताल में जरूरत के वक्त कोई नहीं मिलता है, तो ऐसे अस्पताल का क्या मतलब?”
राज्य सरकार ने विशेष रूप से दीपावली जैसे त्योहारों पर आपातकालीन स्थिति से निपटने और मरीजों को तुरंत इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन रायपुर कर्चुलियान सीएचसी में इन महत्वपूर्ण निर्देशों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। प्रशासन से अब लापरवाह डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

