सोशल मीडिया पर डीपफेक ( Deepfake ) वीडियो की एक सीरीज पर घबराहट और आक्रोश के बीच केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar ) ने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसी सामग्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगी। मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक वेबसाइट विकसित करेगा। जिस पर यूजर्स आईटी नियम के उल्लंघन के बारे में अपनी चिंताओं को भेज सकते हैं. केंद्रीय आईटी मंत्री ने कहा कि MEITY यूजर्स को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में बताने और FIR दर्ज करने में मदद करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मध्यस्थ के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी। अगर वे यह खुलासा करते हैं कि सामग्री कहां से आई है तो उसे पोस्ट करने वाले के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी उपयोग की शर्तों को आईटी नियमों के अनुरूप करने के लिए सात दिनों का समय दिया गया है. चंद्रशेखर ने कहा कि आज से आईटी नियमों के उल्लंघन के प्रति जीरो टालरेंस है. पिछले हफ्ते पीएम मोदी ने भी डीपफेक वीडियो बनाने के लिए AI या कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरूपयोग का उल्लेख किया था. और इसे बड़ी चिंता बताया था.
पीएम ने आगाह किया कि Artificial Intelligence के समय में यह महत्वपूर्ण है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने कहा कि डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपए जुर्माना और तीन साल जेल की सजा का नियम है. इन वीडियो ने सार्वजनिक हस्तियों को निशाना बनाने वाले फर्जी वीडियो और दुनिया को गुमराह करने वाले Deepfake बनाने की एआई पॉवर के बारे में बड़े पैमाने पर चिंता पैदा कर दी है. इसने इस तरह की छेड़छाड़ के प्रभावों पर चिंताएं पैदा कर दी हैं. खासकर सार्वजनिक हस्तियों के लिए इससे विशेष खतरा है.
इस महीने की शुरुआत में आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के लिए एक परामर्श जारी किया था. जिसमें ऐसे कानूनी प्रावधानों को सामने रखा गया था, जो इस तरह के डीपफेक को कवर करते हैं और उनको बनाने और प्रसारित करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि गलत सूचना के प्रसार को रोकना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए एक कानूनी दायित्व है. बयान में कहा गया है कि ऐसी किसी भी सामग्री की रिपोर्ट किए जाने पर उसे ऐसी रिपोर्टिंग के 36 घंटों के भीतर हटा दें और आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करें और सामग्री तक पहुंचने में रोक लगाएं।