17 साल के Google Boy कौटिल्य पंडित Oxford में कॉस्मोलॉजी और डार्क मैटर पर करेंगे रिसर्च

Google Boy Kautilya Pandit Oxford University Hindi News: हरियाणा के छोटे से गांव कोहंड से निकलकर वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराने वाले कौटिल्य पंडित (Kautilya Pandit), जिन्हें ‘गूगल बॉय’ (Google Boy Of India) के नाम से जाना जाता है, ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मात्र 17 साल की उम्र में उन्हें विश्व प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) के बॉलियोल कॉलेज (Balliol College) से मास्टर ऑफ फिजिक्स (Master of Physics) की पढ़ाई के लिए ऑफर मिला है। इसके साथ ही उन्हें 25 लाख रुपये की स्कॉलरशिप भी प्रदान की गई है। कौटिल्य अक्टूबर 2025 से ऑक्सफोर्ड में ब्रह्मांड विज्ञान (Cosmology), प्लाज्मा फिजिक्स (Plasma Physics), डार्क मैटर (Dark Matter), पार्टिकल थ्योरी (Particle Theory), और एआई फॉर ह्यूमैनिटी (AI for Humanity) में रिसर्च शुरू करेंगे।

कौटिल्य पंडित कौन हैं, जिन्हें कहा जाता है ‘गूगल बॉय’?

Who is Kautilya Pandit, who is called Google Boy: कौटिल्य पंडित (Kautilya Pandit Real Age) का जन्म 24 दिसंबर 2007 को हरियाणा के करनाल जिले के कोहंड गांव में हुआ था। मात्र 5 साल की उम्र में उन्होंने अपनी असाधारण स्मृति ( Kautilya Pandit Photographic Memory) और बुद्धिमत्ता से दुनिया को हैरान कर दिया। जब बच्चे आमतौर पर अक्षर और शब्द सीख रहे होते हैं, तब कौटिल्य विश्व के सभी देशों की राजधानियां, मुद्राएं, जनसंख्या, और भौगोलिक विवरण याद कर चुके थे। उनकी इस प्रतिभा के कारण उन्हें ‘गूगल बॉय’ का नाम मिला। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग ने उनकी बुद्धिमत्ता का अध्ययन किया और पाया कि उनका IQ 130 से 150 के बीच है, जो सामान्य बच्चों से कहीं अधिक है और प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein IQ Vs Kautilya Pandit IQ) के बराबर माना जाता है.

कौटिल्य ने 5 साल 10 महीने की उम्र में ही विश्व भूगोल में महारत हासिल कर ली थी और 2013 में वे ‘कौन बनेगा करोड़पति’ ( Kautilya Pandit KBC Episode) में अमिताभ बच्चन (Kautilya Pandit With Amitabh Bachchan) के सामने हॉट सीट पर बैठे। उन्होंने हर सवाल का जवाब सेकंडों में दिया, जिसके बाद अमिताभ ने ट्वीट किया, “यह प्रतिभाशाली बच्चा कौटिल्य पंडित, जो केवल 5 साल का है, ऐसे सवालों के जवाब देता है जो कई वैज्ञानिक और विद्वान नहीं दे सकते

कौटिल्य पंडित की उपलब्धियां

Achievements of Kautilya Pandit: कौटिल्य की उपलब्धियां उनकी उम्र से कहीं अधिक बड़ी हैं। उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  1. ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में ऐतिहासिक उपस्थिति: 2013 में, केवल 5 साल की उम्र में, कौटिल्य KBC के सबसे कम उम्र के प्रतिभागी बने। उनकी तीव्र बुद्धि ने दर्शकों और अमिताभ बच्चन को स्तब्ध कर दिया
  2. ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड: 2020 में, कौटिल्य को ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड (Global Child Prodigy Award) से सम्मानित किया गया, जो उनकी बुद्धिमत्ता (Intelligence) की श्रेणी में दिया गया। यह पुरस्कार विश्व स्तर पर असाधारण बच्चों को दिया जाता है
  3. हरियाणा सरकार से सम्मान: उनकी असाधारण बुद्धिमत्ता और स्मृति के लिए हरियाणा सरकार ने 2013 में उन्हें 10 लाख रुपये और एक प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया
  4. प्रेरक वक्ता के रूप में पहचान: कौटिल्य न केवल एक विद्वान हैं, बल्कि एक प्रेरक वक्ता भी हैं। उन्होंने संदीप माहेश्वरी और विवेक बिंद्रा जैसे मशहूर वक्ताओं के शो में हिस्सा लिया और दर्शकों को अपनी ज्ञान की गहराई से प्रेरित किया
  5. विविध विषयों में महारत: कौटिल्य ने भूगोल, गणित , खगोल विज्ञान, सामान्य ज्ञान, और समसामयिक घटनाओं में अपनी विशेषज्ञता दिखाई है। वे प्रति व्यक्ति आय सकल घरेलू उत्पाद, और राजनीति जैसे जटिल विषयों पर भी बात कर सकते हैं
  6. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला: अब, 17 साल की उम्र में, कौटिल्य को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के बॉलियोल कॉलेज में मास्टर ऑफ फिजिक्स की पढ़ाई के लिए चुना गया है। यह उपलब्धि उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा और समर्पण का प्रमाण है

कितने बुद्धिमान हैं कौटिल्य पंडित?

How intelligent is Kautilya Pandit: कौटिल्य की बुद्धिमत्ता को मापना आसान नहीं है, लेकिन कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने उनके IQ को 130-150 के बीच माना है, जो अल्बर्ट आइंस्टीन के स्तर का है। उनकी फोटोग्राफिक मेमोरी उन्हें देखी या पढ़ी हुई किसी भी जानकारी को तुरंत याद रखने की क्षमता देती है

उनके पिता, सतीश शर्मा (Kautilya Pandit Father Satish Sharma), जो कोहंड में एक निजी स्कूल चलाते हैं, बताते हैं कि कौटिल्य की जिज्ञासा ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। सतीश के मुताबिक, “कौटिल्य ने स्कूल में एक यूरोपीय लड़की का रिकॉर्ड तोड़ने की ठानी, जिसने 150 देशों को विश्व मानचित्र पर चिह्नित किया था। अगले दिन तक कौटिल्य ने विश्व मानचित्र याद कर लिया और 20 दिन बाद पूरे एटलस पर महारत हासिल कर ली.

कौटिल्य ने कहा, “मैं वैज्ञानिक बनना चाहता हूं और ब्रह्मांड के रहस्यों को समझना चाहता हूं। ऑक्सफोर्ड मेरे लिए वह मंच है जहां मैं अपनी जिज्ञासा को और गहराई तक ले जा सकता हूं।”

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