Giriraj Singh : झारखंड में पहले चरण का चुनाव शकुशल सम्पन्न हो चुका है कल दूसरे चरण का चुनाव होने हैं। इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर घुसपैठ का मुद्दा उठाया है। गिरिराज सिंह ने वोटिंग से पहले कहा है कि लोग रोहिंग्या का समर्थन करने वालों और समाज को बांटने वालों को कभी वोट नहीं देंगे। उन्होंने आगे कहा कि कल जब आप वोट देने जाएं तो सिर्फ विधायक चुनने के लिए न जाएं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए, अपनी बहू-बेटियों के सम्मान के लिए जाएं। झारखंड को लेकर उन्होंने कहा कि वे (झामुमो-कांग्रेस) दुमका क्षेत्र को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, झारखंड को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं और रांची को कराची बनाना चाहते हैं।
अपने बच्चो के उज्जवल भविष्य के लिए करें वोट।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “कल महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव हैं। महाराष्ट्र की जनता ने तय कर लिया है, वे राहुल गांधी जैसे रोहिंग्या का समर्थन करने वाले और समाज को बांटने वाले लोगों को कभी वोट नहीं देंगे।” उन्होंने आगे कहा, “योगी आदित्यनाथ ने कहा है ‘एकजुट रहोगे तो सुरक्षित रहोगे, बंटोगे तो बर्बाद हो जाओगे’। मैं झारखंड की जनता से प्रार्थना, अपील और अनुरोध करता हूं कि कल जब आप वोट देने जाएं तो सिर्फ विधायक चुनने के लिए मत जाइए, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए जाइए, अपनी बहुओं के सम्मान के लिए जाइए।”
बहू, बेटियां और रोटी खतरे में हैं : Giriraj Singh
गिरिराज सिंह ने मतदाताओं से कहा, ‘देखिए हेमंत सोरेन और कांग्रेस किस तरह रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को शरण दे रहे हैं, झारखंड में बेटियां, जमीन और रोटी खतरे में है, आप भी इसके लिए वोट करें। नहीं तो वे (झामुमो-कांग्रेस) दुमका क्षेत्र को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, झारखंड को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं और रांची को कराची बनाना चाहते हैं। न इसे कराची बनने दें और न ही बांग्लादेश। ‘एक रहोगे तो सुरक्षित रहोगे, बंटोगे तो कट जाओगे’ का नारा याद रखिए। ये बांटने वाले हैं, हम अब कटने को तैयार नहीं हैं।
20 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान
आपको बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को हुआ था। पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान हुआ था। वहीं, दूसरे चरण के तहत 20 नवंबर को मतदान होगा। जिसके बाद 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम आएगा। चुनाव परिणाम सत्ता की तस्वीर और पार्टियों और गठबंधनों की किस्मत तय करेगा। राज्य में मुख्य मुकाबला एनडीए और भारत गठबंधन के बीच है। अब देखना यह है कि हेमंत सोरेन सत्ता में वापसी करते हैं या फिर बीजेपी रोहिंग्या और घुसपैठियों का मुद्दा उठाकर कोई बड़ा खेल खेलने में कामयाब होती है।
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