Genelia D’Souza Celebrated Vat Savitri For Husband Ritesh News In Hindi: ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर, 10 जून 2025 को बॉलीवुड अभिनेत्री जेनेलिया डिसूजा ने अपने पति रितेश देशमुख की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत किया। जेनेलिया ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह सफेद और पीले रंग के अनारकली सूट में वट वृक्ष की पूजा करती और पेड़ के चारों ओर धागा लपेटती नजर आईं। यह वट सावित्री व्रत का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो सावित्री-सत्यवान की कथा से प्रेरित है और वैवाहिक बंधन की मजबूती का प्रतीक माना जाता है।
जेनेलिया की पूजा और रितेश का भावुक संदेश
वीडियो में जेनेलिया ने परंपरागत तरीके से पूजा की, जिसमें बरगद के पेड़ के चारों ओर सात बार कच्चा धागा (कच्चा सूत) लपेटा गया, जो सात जन्मों तक वैवाहिक बंधन को अटूट रखने का प्रतीक है। उन्होंने सावित्री-सत्यवान की कथा का पाठ भी किया और अपने पति के लिए प्रार्थना की।
रितेश देशमुख ने जेनेलिया के इस समर्पण पर भावुक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “प्रिय बायको, मी खरंच… माझं जग, माझी शक्ती…” (प्रिय पत्नी, मैं वाकई… मेरा संसार, मेरी शक्ति…)। मराठी में लिखे गए उनके इस संदेश ने उनके मजबूत रिश्ते को और मजबूत किया।
जेनेलिया और रितेश का खूबसूरत रिश्ता
जेनेलिया और रितेश की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा जोड़ियों में से एक है। दोनों की मुलाकात 2003 में उनकी पहली फिल्म ‘तुझे मेरी कसम’ के सेट पर हुई थी, जहाँ दोनों के बीच प्यार हुआ और नौ साल की डेटिंग के बाद 2012 में उन्होंने शादी की। उनकी शादी हिंदू और मंगलोरियन कैथोलिक दोनों परंपराओं के हिसाब से हुई थी। इसके बाद उनके दो बेटे, रियान और राहिल उनकी खुशहाल जिंदगी का हिस्सा बने। जेनेलिया का यह व्रत उनके रिश्ते की गहराई और परंपराओं के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
सोशल मीडिया पर नेटिज़न्स की प्रतिक्रिया
जेनेलिया के इस वीडियो को देखकर फैंस ने उनकी भक्ति और रितेश के प्रति प्रेम की सराहना की। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कमेंट्स किए, जैसे “बीवी हो तो ऐसी” और “#CoupleGoals”, जिससे उनकी जोड़ी की लोकप्रियता और प्रशंसकों का प्यार झलकता है।
हालांकि अच्छी प्रतिक्रियाओं के साथ ही, जेनेलिया की पूजा का वीडियो कुछ लोगों के लिए विवाद का विषय भी बना। कुछ नेटिज़न्स ने उनके सिर पर पल्लू न लेने को लेकर ट्रोल किया, क्योंकि परंपरागत रूप से पूजा के दौरान सिर ढकना आम है। इस पर बहस छिड़ गई कि क्या आधुनिकता और परंपरा को इस तरह जोड़ा जा सकता है। फिर भी जेनेलिया और रितेश ने इस ट्रोलिंग पर ध्यान न देते हुए अपनी परंपराओं के प्रति अपनी आस्था प्रदर्शित की।