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Garuda Construction And Engineering IPO: कुछ ही घंटों बाद खुलेंगे IPO रेट! जानिए निवेशकों के लिए कंपनी की पॉलिसी

गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग (Garuda Construction And Engineering IPO) ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹92-₹95 तय किया है,,,,

गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (Garuda Construction And Engineering IPO) का प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव यानी आईपीओ इस सप्ताह 8 अक्टूबर को खुलेगा। निवेशक इस इश्यू के लिए 10 अक्टूबर तक बोली लगा सकेंगे।

आईपीओ के जरिए कंपनी करेगी फ्रेश शेयर जारी

कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सूचीबद्ध होंगे। कंपनी इस इश्यू के जरिए 264.10 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। आईपीओ के जरिए कंपनी 173.85 करोड़ रुपये के 18,300,000 फ्रेश शेयर जारी करेगी। वहीं, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी ओएफएस के जरिए 90.25 करोड़ रुपये के 9,500,000 शेयर बेच रहे हैं।

Garuda Construction And Engineering IPO

गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग (Garuda Construction And Engineering IPO) ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹92-₹95 तय किया है। खुदरा निवेशक न्यूनतम एक लॉट यानी 157 शेयरों के लिए बोली लग सकती हैं। बात अगर कंपनी में निवेश करने की जाए तो आईपीओ के ऊपरी मूल्य बैंड ₹95 पर 1 लॉट के लिए आवेदन होता है। ऐसे में निवेशक को कुल ₹14,915 का निवेश करना होगा। खुदरा निवेशक अधिकतम 13 लॉट यानी 2041 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं। निवेशकों को ऊपरी मूल्य बैंड के अनुसार ₹193,895 का निवेश करना होगा।

35% हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित

कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित रखा है। इसके अलावा, लगभग 35% हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। शेष 15% हिस्सा गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) के लिए आरक्षित है। गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (Garuda Construction And Engineering IPO) की स्थापना 2010 में हुई थी और यह एक निर्माण कंपनी है। यह आवासीय और वाणिज्यिक बुनियादी ढांचे और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए निर्माण सेवाएं प्रदान करता है। इसके साथ ही कंपनी संचालन और रखरखाव, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग समेत कई सेवाएं भी प्रदान करती है।

क्या होता है किसी कंपनी का आईपीओ

जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता के लिए जारी करती है तो उसे इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ कहा जाता है। कंपनी को अपना कारोबार बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत है। ऐसी स्थिति में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय जनता को कुछ शेयर बेचकर या नए शेयर जारी करके पैसा जुटाती है। इसके लिए कंपनी आईपीओ लाती है।

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