Gallbladder Stone Me Kya Khana Chahiye: पित्त की पथरी (gallbladder stone) एक आम समस्या बनती जा रही है(gall bladder stone kyo hota hai) जो मुख्यतः असंतुलित खानपान मोटापा और लंबे समय तक गलत जीवन शैली अपनाने की वजह से होता है। पित्ताशय हमारे पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसमें पित्त रस जमा होता है यह रस फैट को पचाने में मदद करता है। लेकिन जब इसमें कोलेस्ट्रॉल कैल्शियम और बिलीरुबिन की मात्रा असंतुलित हो जाती है तो छोटे-छोटे कठोर पत्थर बनने लगते हैं जिसे पथरी कहा जाता है और यही पथरी दर्द का कारण बनती है।

पित्ताशय की पथरी का इलाज (gallbladder stone removal)
आमतौर पर पित्त की पथरी जब पित्ताशय में बनने लगती है तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। परंतु सही जीवन शैली से आप सर्जरी (gallbladder surgery)से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं और दर्द से भी मुक्ति पा सकते हैं। हालांकि सही समय पर इसका पता लगाना और सही जीवन शैली अपनाना बेहद जरूरी है। ऐसे में आज के इस लेख में हम बताएंगे किस प्रकार आप इसके दर्द और सूजन को सही जीवन शैली से कम कर सकते हैं।
पित्त की पथरी में किन चीजों का सेवन करें (gallbladder stone hone par kya kare)
फाइबर युक्त भोजन: पित्त की पथरी में आहार में हमेशा अधिक फाइबर शामिल करें, साबुत अनाज, ब्राउन राइस, दलिया, ओट्स, मल्टीग्रेन आटा, फाइबर के अच्छे स्रोत होते हैं। इनका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित होता है और दर्द और सूजन से मुक्ति मिलती है।
हरी सब्जियों का सेवन: पित्त की पथरी में पालक, मेथी, लौकी, तुरई, टिंडा, गाजर जैसी सब्जियों का सेवन करें। इन्हें उबालकर या हल्की भाप में पका कर खाएं। ऐसा करने से आपको भरपूर फाइबर की प्राप्ति होती है और विटामिन और मिनरल्स भी मिलते हैं।
ताजे फलों का सेवन: नाशपाती, अमरूद, पपीता, तरबूज जैसे मौसमी फल पित्ताशय की पथरी में बहुत लाभकारी होते हैं। रोजाना इनका सेवन शरीर में मिनरल्स और विटामिन की कमी तो कम करता ही है साथ ही इनका फाइबर शरीर को डिटॉक्स भी करने में मदद करता है जिससे दर्द और सूजन समाप्त हो जाते हैं।
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डेयरी उत्पाद को कहें न: पित्त की पथरी में फुल फैट दूध, मलाई, घी इत्यादि ना लें। इसकी जगह टोंड दूध, छाछ, पनीर का सीमित मात्रा में उपयोग करें। फुल फैट आहार पित्त को बढ़ाता है जिसकी वजह से पित्ताशय में दर्द उभर सकता है।
प्रोटीन का सही स्रोत: पित्त की पथरी में प्रोटीन के लिए दाल, मूंग, मसूर, राजमा, सोया बेहतरीन विकल्प होते हैं। हालांकि इस दौरान भारी प्रोटीन जैसे कि मांसाहारी पदार्थ से बचें और इनका सेवन जितना हो सके कम करें।
पर्याप्त पानी पिए: पित्त की पथरी होने पर दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी निश्चित रूप से पियें यह पित्त को पतला करता है और पथरी का आकार बढ़ने से रोक देता है।