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Gaganyan Mission Escape System की सक्सेसफुल टेस्टिंग, ISRO का मानव अंतरिक्ष मिशन कब लॉन्च होगा?

Gaganyan-Mission-Escape-System

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क्रू-मॉडल रॉकेट से 17 किमी ऊपर भेजा गया Escape System. 9 मिनट बाद क्रू मॉडल ने पैराशूट से बंगाल की खाड़ी में लैंडिंग की

इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) शनिवार 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन की सक्सेसफुल टेस्टिंग की. श्री हरी कोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 10 बजे इसे लॉन्च किया गया. इसे टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट  मिशन-1(TV-D1) का नाम दिया गया. नौ मिनट के बाद क्रू-मॉडल श्रीहरिकोटा से दस किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में गिरा। वहां पर मॉड्यूल की रिकवरी के लिए नौसेना को तैनात किया गया था। नौसेना के गोताखोर मॉड्यूल को निकाल कर नौसेना के पोत में लाए। फिर इसे मद्रास बंदरगाह पर लाया गया.

ये मिशन 9 मिनट का था. इस मिशन में 17 km ऊपर जाने के बाद Satish Dhawan Space सेंटर से 10 km दूर बंगाल की खड़ी में उतारा गया. इसका मुख्य उदेश्य Rocket में गड़बड़ी होने पर अंदर एस्ट्रोनॉट को अर्थ में सुरक्षित लैंडिंग,अंतरिक्ष यात्रियों का सुरक्षित बचाव और क्रू- मॉडल का टेस्टिंग करना था.

The test flight consisted of three parts: अबॉर्ट मिशन के लिए बनाया गया सिंगल स्टेज लिक्विड रॉकेट, क्रू-मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम। विकास इंजन को मॉडिफाई कर ये रॉकेट बनाया गया था. वहीं क्रू मॉड्यूल के अंदर का वातावरण वैसा नहीं होगा जैसा मैन्ड मिशन में होगा।

आज ही के दिन दो बार टला मिशन

Chandrayaan3: आज ही के दिन मिशन को दो बार टाला गया. मिशन को 8 बजे लॉन्च करना था लेकिन ख़राब मौसम की वजह से टाइम बदलकर 8.45 किया गया. लेकिन लॉन्चिंग के समय इंजन फायर नहीं हो पाया और मिशन को टालना पड़ा. खैर ISRO ने कुछ देर बाद गड़बड़ी ठीक कर ली. फिर इसे लॉन्चिंग के लिए तैयार किया गया.

असल में वैज्ञानिकों ने यह टेस्ट किया है कि क्या अबॉर्ट ट्रैजेक्टरी ठीक तरह से काम करता है? मिशन के दौरान रॉकेट में खराबी आने पर एस्ट्रोनॉट कैसे सेफ्ली लैंड करेंगे इसकी टेस्टिंग की गई है। मिशन टेस्टिंग के लिए टोटल चार टेस्ट फ्लाइट भेजी जानी हैं. TV-D1 के बाद TV-D2, D3 और D4 को भेजा जाएगा।

क्या है अनमैन्ड मिशन?

India’s first Human space mission: अनमैन्ड मिशन का मतलब किसी मानव को स्पेस में भेजना नहीं है. अनमैन्ड मिशन सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा। जिसमें इंसान स्पेस में जायेंगे ISRO ने इसके लिए बाकायदा 2025 की टाइमलाइन तय की है. जबकि गगनयान ने अनमैन्ड मिशन के लिए अगले साल का प्लान किया है.

ISRO के अध्‍यक्ष एस सोमनाथ ने क्या कहा?

प्रक्षेपण के बाद इसरो के अध्‍यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि सभी मानदंड और प्रक्रियाएं योजनानुसार पूरे किए गए। उन्‍होंने कहा कि इस उड़ान ने साबित किया है कि अंतरिक्ष यात्रियों को किसी भी तकनीकी खराबी की स्थिति में सुरक्षित बाहर लाया जा सकता है। समुद्र में गिरने का परीक्षण भी किया गया जोकि सफल रहा। श्री सोमनाथ ने बताया कि इस परीक्षण यान को सवेरे आठ बजे भेजा जाना था लेकिन मौसम की खराबी के कारण इसे साढ़े आठ बजे तक स्‍थगित किया गया। इसके बाद निगरानी व्‍यवस्‍था में गड़बड़ी के कारण इसे दोबारा रोक दिया गया। इसरो अध्‍यक्ष ने बातया कि गैस दोबारा भरने और परीक्षण यान की जांच के बाद प्रक्षेपण की प्रक्रिया सवेरे दस बजे फिर शुरू की गई। उन्होंने बताया कि इसरो की पूरी टीम भविष्‍य में गगनयान के प्रक्षेपण के लिए तैयार है। मिशन के निदेशक शिव कुमार ने बताया कि मॉड्यूल की रिकवरी के बाद पूरे विवरण की छान-बीन की जाएगी। मिशन के निदेशक ने कहा कि आज का अनुभव ऐतिहासिक रहा और गगनयान मिशन पर काम करने वाले सभी लोगों के लिए प्रेरक था।

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