साउथ-अफ्रीका। साउथ-अफ्रीका के जी-20 शिखर सम्मेलन में इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति ने हिस्सा नही लिया है। ऐसे में साउथ-अफ्रिका के राष्ट्रपति ने खाली कुर्सी को मेजबानी सौपने का निणर्य लिए है। असल में 2024 में जी-20 की मेजबानी अमेरिका (सैन फ्रांसिस्को) ने की थी, इसलिए गवेल ट्रम्प को ही सौंपना था, लेकिन उनकी गैरहाजिरी की वजह से साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति ने खाली कुर्सी को मेजबानी सौंपने का ऐलान कर दिए।
पास हुआ घोषणापत्र
इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले सभी देशों के राष्ट्रध्यक्षों ने मिलकर एकमत से संयुक्त घोषणापत्र जारी कर दिए हैं, हांलाकि सम्मेलन में होने वाली चर्चा पूरी होने के बाद उसका एक प्रस्ताव तैयार होता है और उसे सर्व सम्मति से पास किया जाता है, लेकिन साउथ आफ्रिका में आयोजित शिखर सम्मेलन में इस रूल से हटकर पहले ही दिन प्रस्ताव तैयार कर लिया गया और घोषणापत्र पहले ही दिन सर्वसम्मति से पास हो गया।

मोदी ने अफ्रीकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक की
पीएम मोदी ने रविवार को जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इससे पहले मोदी ने बताया था कि, कल जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक अच्छी रही। उन्होंने दो सत्रों में अपने विचार साझा किए। पीएम मोदी ने पुराने डेवलपमेंट मॉडल को बदलने पर जोर दिए और कहा कि पुराने डेवलपमेंट मॉडल ने रिसोर्स छीने, इसे बदलना जरूरी है। पहले सेशन में उन्होंने वैश्विक चुनौतियों पर भारत का नजरिया दुनिया के सामने रखा। वहीं समिट के दूसरे सत्र में पीएम ने भारत के श्री अन्न (मोटा अनाज), जलवायु परिवर्तन, जी-20 सैटेलाइट डेटा पार्टनरशिप और डिजास्टर रिस्क रिडक्शन पर बात किए है।
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