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Explainer: भारत किस देश से कितना क्रूड ऑयल आयात करता है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत से खिसियाए हुए हैं, क्यों? क्योंकी भारत, अमेरिका के दुश्मन देश रूस से पेट्रोलियम की आपूर्ति के लिए तेल-गैस बड़ी मात्रा में खरीदता है। ट्रंप चाहते हैं कि भारत ऐसा न करे लेकिन भारत ट्रंप का गुलाम तो है नहीं कि जो वह बोले उसका पालन करे. भारत के पास क्रूड ऑयल के लिए पर्याप्त नेचुरल रिसोर्सेस नहीं है इसी लिए भारत दुनिया के कई देशों से इनका आयात करता है।

भारत कितने देशों से कच्चा तेल आयात करता है

From how many countries does India import crude oil: भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए विश्व के लगभग 40 देशों से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस आयात करता है। यह आयात भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश अपनी कुल पेट्रोलियम मांग का लगभग 85% आयात करता है। यह निर्भरता भारत को विश्व के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देशों में शामिल करती है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद आता है।

भारत कितने देशों से पेट्रोलियम आयात करता है?

From how many countries does India import petroleum: भारत लगभग 40 देशों से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस आयात करता है। इनमें प्रमुख रूप से मध्य पूर्व के देश (सऊदी अरब, इराक, यूएई, कुवैत), रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, नाइजीरिया, और ब्राजील जैसे देश शामिल हैं। यह विविधता भारत को किसी एक क्षेत्र या देश पर अत्यधिक निर्भरता से बचाने में मदद करती है, विशेष रूप से भू-राजनीतिक तनाव या आपूर्ति में व्यवधान (जैसे मध्य पूर्व में युद्ध या प्रतिबंध) के समय।

भारत अपनी जरूरत का कितना पेट्रोलियम आयात करता है?

How much petroleum does India import for its needs: 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85% आयात करता है। प्राकृतिक गैस के लिए यह निर्भरता लगभग 50% है। भारत का घरेलू उत्पादन, जो मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, असम और मुंबई हाई फील्ड से होता है, केवल 15% तेल मांग को पूरा करता है। 2020-21 में भारत की कुल कच्चे तेल की खपत 221.77 मिलियन टन थी, और प्राकृतिक गैस की खपत 60.64 बिलियन क्यूबिक मीटर थी। आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत स्वदेशी अन्वेषण, नवीकरणीय ऊर्जा, और इथेनॉल मिश्रण जैसे उपायों पर ध्यान दे रहा है, लेकिन आयात अभी भी प्रमुख स्रोत बना हुआ है।

भारत किस देश से कितना क्रूड ऑयल आयात करता है

India imports how much crude oil from which country: 2023 में मई के आंकड़ों और अन्य स्रोतों के आधार पर भारत के प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता देशों से आयात की मात्रा और अनुमानित कीमत की जानकारी दी गई है।

  1. भारत रूस से कितना क्रूड ऑयल खरीदता है (How much crude oil does India buy from Russia):
    • मात्रा: 19.6 लाख बैरल प्रतिदिन (मई 2023), जो कुल आयात का 42% है।
    • कीमत: रूस से तेल की कीमत ब्रेंट क्रूड की तुलना में $20-30 प्रति बैरल सस्ती रही, यानी लगभग $50-60 प्रति बैरल। 2023-24 में रूस से आयात का कुल मूल्य $140 बिलियन अनुमानित है।
    • विशेष टिप्पणी: रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से आयात में कई गुना वृद्धि की, जो 2021 में केवल 2% था। यह रूस को भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बनाता है।
  2. भारत इराक से कितना क्रूड ऑयल खरीदता है (How much crude oil does India buy from Iraq):
    • मात्रा: 8.3 लाख बैरल प्रतिदिन (मई 2023), कुल आयात का लगभग 18%।
    • कीमत: औसतन $70-80 प्रति बैरल, कुल मूल्य लगभग $21 बिलियन (अप्रैल 2021-जनवरी 2022 के आधार पर)।
    • विशेष टिप्पणी: इराक लंबे समय तक भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रहा, लेकिन रूस ने इसे पीछे छोड़ दिया।
  3. भारत सऊदी अरब से कितना क्रूड ऑयल खरीदता है (How much crude oil does India buy from Saudi Arabia):
    • मात्रा: 5.6 लाख बैरल प्रतिदिन (मई 2023), कुल आयात का लगभग 12%।
    • कीमत: $80-90 प्रति बैरल, कुल मूल्य लगभग $16 बिलियन (2021-22 के आधार पर)।
    • विशेष टिप्पणी: सऊदी अरब ओपेक का प्रमुख सदस्य है, लेकिन उसकी हिस्सेदारी रूस के उदय के बाद कम हुई है।
  4. भारत संयुक्त अरब अमीरात से कितना क्रूड ऑयल खरीदता है(How much crude oil does India buy from UAE):
    • मात्रा: 2.03 लाख बैरल प्रतिदिन (मई 2023), कुल आयात का लगभग 4%।
    • कीमत: $80 प्रति बैरल, कुल मूल्य लगभग $6 बिलियन (2021-22)।
    • विशेष टिप्पणी: यूएई भारत का एक स्थिर आपूर्तिकर्ता है, जो तेल और गैस दोनों प्रदान करता है।
  5. भारत अमेरिका से कितना क्रूड ऑयल खरीदता है(How much crude oil does India buy from US):
    • मात्रा: 1.38 लाख बैरल प्रतिदिन (मई 2023), कुल आयात का लगभग 3%।
    • कीमत: $85-90 प्रति बैरल, कुल मूल्य $4-5 बिलियन।
    • विशेष टिप्पणी: अमेरिका से आयात हाल के वर्षों में बढ़ा है, विशेष रूप से शेल तेल के कारण।
  6. नाइजीरिया (Nigeria):
    • मात्रा: 2021-22 में कुल आयात का लगभग 5-6%, यानी 2-3 लाख बैरल प्रतिदिन।
    • कीमत: $6.8 बिलियन (अप्रैल 2021-जनवरी 2022)।
    • विशेष टिप्पणी: नाइजीरिया अफ्रीकी देशों में भारत का प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता है।
  7. कुवैत (Kuwait):
    • मात्रा: 2021-22 में 2-3 लाख बैरल प्रतिदिन।
    • कीमत: $5.92 बिलियन (अप्रैल 2021-जनवरी 2022)।
    • विशेष टिप्पणी: कुवैत मध्य पूर्व के स्थिर आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।
  8. ब्राजील (Brazil):
    • मात्रा: 2021-22 में 1-2 लाख बैरल प्रतिदिन।
    • कीमत: $2-3 बिलियन।
    • विशेष टिप्पणी: ब्राजील से आयात दक्षिण अमेरिका में भारत का प्रमुख स्रोत है।
  9. ईरान (Iran):
    • मात्रा: बहुत कम, 2023 में लगभग नगण्य (प्रतिबंधों के कारण)।
    • कीमत: $1 बिलियन से कम।
    • विशेष टिप्पणी: ईरान से आयात पहले महत्वपूर्ण था, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण यह रुक गया। भारत और ईरान रुपये में व्यापार की संभावना तलाश रहे हैं।
  10. अन्य देश: कतर, वेनेजुएला, अंगोला, और अल्जीरिया जैसे देश भी भारत को तेल और गैस आपूर्ति करते हैं, लेकिन उनकी हिस्सेदारी 1-2% से कम है। प्राकृतिक गैस मुख्य रूप से कतर और ऑस्ट्रेलिया से आयात की जाती है, जिसकी मात्रा 2020-21 में 32.86 बिलियन क्यूबिक मीटर थी।

भारत सबसे ज्यादा कच्चा तेल किस देश से खरीदता है?

From which country does India buy the most crude oil: 2023 के आंकड़ों के अनुसार, रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो कुल आयात का 42% प्रदान करता है। मई 2023 में भारत ने रूस से 19.6 लाख बैरल प्रतिदिन तेल आयात किया, जो सऊदी अरब, इराक, यूएई, और अमेरिका की संयुक्त आपूर्ति से अधिक था। रूस से सस्ते तेल की उपलब्धता और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों द्वारा रूसी तेल पर प्रतिबंधों ने भारत को रूस से आयात बढ़ाने का अवसर दिया।

भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का 85% आयात करता है, जिसमें रूस सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जो 42% कच्चा तेल प्रदान करता है। इराक, सऊदी अरब, यूएई, और अमेरिका अन्य प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। आयात की विविधता और रणनीतिक भंडार भारत को वैश्विक तेल बाजार की अस्थिरता से निपटने में मदद करते हैं। हालांकि, तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक जोखिम भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालते हैं, जिसके लिए स्वदेशी उत्पादन और नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान देना जरूरी है।

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