MP: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जहर से चार हाथियों की मौत?

Bandhavgadh tiger

Bandhavgarh Tiger Reserve News: यह घटना मंगलवार की शाम लगभग 4 बजे खितौली रेंज के सलखनिया जंगल की है. जानकारी मिलने के बाद टाइगर रिजर्व की टीम मौके पर पहुंची। आशंका जताई जा रही है कि हाथियों को जहरीला पदार्थ खिलाया गया है या फिर हाथियों ने खुद खाया है.

Bandhavgarh Tiger Reserve News: उमरिया के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में मंगलवार को चार जंगली हाथियों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है. वहीं चार की हालत गंभीर बताई जा रही है. यह घटना मंगलवार की शाम लगभग 4 बजे खितौली रेंज के सलखनिया जंगल की है. जानकारी मिलने के बाद टाइगर रिजर्व की टीम मौके पर पहुंची। आशंका जताई जा रही है कि हाथियों को जहरीला पदार्थ खिलाया गया है या फिर हाथियों ने खुद खाया है.

लगभग शाम 4 बजे सूचना मिली थी कि जंगल में 13 हाथियों का झुंड घूम रहा था. इनमें आठ हाथियों की तबीयत बिगड़ गई. मौके पर आठों हाथी बेहोश होकर गिर गए. इस पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से डॉक्टर्स की टीम और अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच के बाद डॉक्टर्स ने चार हाथियों को मृत घोषित कर दिया। वहीं चार हाथियों की हालत गंभीर बताई। वन विभाग की टीम झुंड में शामिल पांच हाथियों की निगरानी भी कर रहा है.

घटना पर डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश वर्मा ने कहा कि रिजर्व में 60 हाथी हैं, जो अलग-अलग झुंड बनाकर घूमते हैं. इनकी देखरेख के लिए प्रतिदिन जंगल में गश्ती दल गश्त करता है. मंगलवार की दोपहर लगभग 12 बजे दल ने सूचना दी कि आठ जंगली हाथी जमीन पर पड़े हैं. उनमें कोई मूवमेंट नहीं है. इस पर आसपास के अलग-अलग रेंज के पांच रेंजर मौके पर पहुंचे। बांधवगढ़ और कटनी जिले के बरही से आठ वेटनरी डॉक्टर्स की टीम भी पहुंच गई.

जहरीले पदार्थ खाने की आशंका

डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश वर्मा ने कहा कि आठ हाथी 100 से 200 मीटर के क्षेत्र में बेहोश पड़े थे. डॉक्टर्स का कहना है कि हाथियों ने किसी जहरीले या नशीले पदार्थ का सेवन किया है. इस एरिया में कोदो-कुटकी भी होती है. आशंका है कि हाथियों ने ज्यादा मात्रा या अधपका कोदो-कुटकी खाया होगा, इससे डिहाइड्रेशन भी हो सकता है.

जांच के लिए पांच टीम बनाई गई

डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि मौके पर डॉग स्क्वाड को भी बुलाया गया है. जांच के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं. सभी टीमें संदिग्ध जगहों की जांच करेगी। खेतों, तालाबों, हाथियों के मल की जांच की जाएगी। इसके अलावा, हाथियों के पगमार्क के आधार पर भी देखा जाएगा की कहीं कोई जहरीला पदार्थ तो नहीं खाया।

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