ग्वालियर। योग प्रशिक्षिका के यौन उत्पीड़न मामले में हाई कोर्ट ने पूर्व कुलपति को बड़ा झटका देते हुए पीड़िता को 40 लाख रूपए का मुआवजा दिए जाने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यह मामला लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान का है। यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट के द्वारा सुनाए गया है यह फैसला न केवल यौन उत्पीड़न के खिलाफ न्याय की मिसाल बना है, बल्कि नौकरी के दौरान तकलीफें झेल रही महिला कर्मियों के प्रति गलत धारण रखने वालों के लिए सबब है। यह मामला दर्शता है कि इस तरह की घटनाएं पीड़ितों के लिए मानसिक, भावनात्मक और करियर से जुड़ी किस तरह की तकलीफें है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि पीड़िता को सिर्फ यौन उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा, बल्कि संस्थान और पुलिस की निष्क्रियता ने उसके साथ अन्याय को और भी गहरा किया।
हाई कोर्ट का रहा यह फैसला
हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में जो फैसला सुनाया है उसमें 35 लाख रुपये तत्कालीन कुलपति डॉ. दिलीप कुमार दुरेहा को देने होंगे, जबकि शेष 5 लाख रुपये राज्य सरकार देगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार यह राशि संबंधित पुलिस अधिकारियों से वसूलेगी, जिन्होंने मामले में तीन साल तक लापरवाही बरती। कोर्ट ने एलएनआईपीई पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और पीड़िता को स्थानांतरण का विकल्प देने के निर्देश दिए हैं।