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सतना के जननायक और पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Former Satna MLA Shankarlal Tiwari passes away

Former Satna MLA Shankarlal Tiwari passes away

Former Satna MLA Shankarlal Tiwari passes away: सतना विधानसभा के पूर्व विधायक और सर्वहारा वर्ग के नेता शंकरलाल तिवारी का रविवार को दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। उनके निधन से सतना की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है और एक बड़ी रिक्तता आ गई है, खासकर ब्राह्मण समुदाय के लिए, जिनके वे प्रमुख नेता थे। उनके निधन की खबर फैलते ही राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई।

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दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे तिवारी जी को इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले एक सप्ताह से वे बोलने में असमर्थ थे और कागज पर लिखकर संवाद कर रहे थे। बताया जाता है कि कल उन्होंने एक पर्ची पर लिखकर सतना वापस ले जाने की इच्छा जताई थी।

चार बार विधायक, निर्दलीय भी जीते

शंकरलाल तिवारी ने अपने राजनीतिक जीवन में चार बार विधायक का पद संभाला। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर भी जनता का भरोसा जीता और विधानसभा पहुंचे। वे हमेशा सर्वहारा वर्ग की आवाज बने रहे। शंकरलाल तिवारी सतना जिले की राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ थे। वे 1990, 2003, 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर विजयी होकर विधायक बने। 1998 में वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहे। तिवारी ने अपने राजनीतिक सफर में सतना के विकास के लिए अनेक प्रयास किए, खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में। वे विंध्य क्षेत्र के ब्राह्मण समुदाय के प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते थे और भाजपा के संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे। शंकरलाल तिवारी का जन्म सतना जिले के एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा स्थानीय पंचायत स्तर से शुरू की और धीरे-धीरे विधानसभा तक पहुंचे। उनके समर्थक उन्हें ‘सतना के शेर’ के नाम से पुकारते थे। उनके निधन से सतना की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।

विकास कार्यों के लिए रहेंगे याद

सतना के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। सतना फ्लाईओवर के निर्माण और जिला अस्पताल के विकास में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। वे सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता पर भरोसा रखते थे और आमजन की तरह उन्हीं में इलाज कराने पर जोर देते थे।

कद्दावर नेताओं के सामने नहीं झुके

अपने सिद्धांतों पर अटल रहने वाले शंकरलाल तिवारी ने कभी भी कद्दावर नेताओं के सामने समर्पण नहीं किया। वे अपनी मुखरता और जनहित के मुद्दों पर अडिग रहने के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से सतना की जनता और उनके समर्थकों में शोक की लहर है।

प्रदेश व स्थानीय नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित

तिवारी के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “शंकरलाल तिवारी जी विंध्य की राजनीति के सशक्त योद्धा थे। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।” उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी शंकरलाल तिवारी के निधन पर गहरा दुःख जताते हुए श्रृद्धांजलि अर्पित की है। इसी तरह, सतना जिले के वर्तमान विधायक और भाजपा के अन्य नेताओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने भी उनके निधन पर दुख जताया। परिवार के सदस्यों के अनुसार, तिवारी का अंतिम संस्कार कल सतना के सिहावल घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

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