First Transgender MLA Shabnam Mausi Accused Of Robbery: बधाई देने के लिए शबनम मौसी 8 से 10 किन्नर साथियों के साथ गईं थीं। उन्होंने बधाई के रूप में 21 हजार रुपये मांगे। 1100 रुपये दिए जाने पर शबनम मौसी ने कथित तौर पर बद्दुआ देना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने झगड़ते हुए राहुल की मां के कान से झुमके छीन लिए। मामले की शिकायत चचाई थाने में दर्ज कराई गई और पुलिस से कार्रवाई व अपना सामान वापस दिलाने की मांग की गई है।
Shabnam Mausi News: अनूपपुर में देश की पहली किन्नर विधायक रहीं शबनम मौसी पर लूटपाट और मारपीट का आरोप लगा है। मंगलवार को हुए इस मामले को लेकर अमलाई बाबू चौक निवासी सब्जी व्यापारी राहुल कुमार सोनी ने बुधवार को चचाई थाने में शिकायत दर्ज की है। हालांकि, अभी तक कोई केस दर्ज नहीं हुआ है।
बधाई के नाम पर 21 हजार की मांग
राहुल के अनुसार, चार महीने पहले उनके घर बेटा हुआ था। बधाई देने के लिए शबनम मौसी 8 से 10 किन्नर साथियों के साथ उनके घर पहुंचीं। उन्होंने बधाई के रूप में 21 हजार रुपये मांगे। राहुल की मां और पत्नी ने 1100 रुपये दिए, जिसके बाद शबनम मौसी ने कथित तौर पर बद्दुआ देना शुरू कर दिया। राहुल ने बताया कि शबनम ने उनकी मां से कहा, “तेरा पोता नहीं रहेगा।” इसके बाद उन्होंने झगड़ते हुए राहुल की मां के कान से झुमके छीन लिए।
झुमके लौटाने से इनकार
राहुल ने बताया कि उनकी पत्नी ने उन्हें फोन पर इस घटना की जानकारी दी। उस समय वह अनूपपुर में थे। राहुल ने शबनम मौसी को फोन कर झुमके वापस करने की गुहार लगाई, लेकिन शबनम ने 21 हजार रुपये देने की शर्त रखी। राहुल 2100 रुपये देने को तैयार हुए, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद उन्होंने चचाई थाने में शिकायत दर्ज की और पुलिस से कार्रवाई व अपना सामान वापस दिलाने की मांग की।
शबनम मौसी ने कहा- राहुल ने लिए थे उधार
शबनम मौसी ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि राहुल सोनी की चार साल पहले शादी हुई थी। उस समय बधाई के लिए 11 हजार रुपये छह महीने बाद मिले थे। अब जब राहुल के बेटे का जन्म हुआ, तो वे फिर से बधाई मांगने गईं। उन्होंने यह भी दावा किया कि राहुल ने उनसे 50 हजार रुपये उधार लिए थे।
पुलिस जांच शुरू
चचाई थाना प्रभारी सुंद्रेश सिंह ने बताया कि शबनम मौसी के खिलाफ शिकायत मिली है, जिसमें उन पर लूटपाट का आरोप लगाया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
देश की पहली किन्नर विधायक
शबनम मौसी देश की पहली किन्नर विधायक रह चुकी हैं। उन्होंने साल 2000 में शहडोल जिले की सोहागपुर सीट से उपचुनाव जीता था। यह सीट तत्कालीन कांग्रेस विधायक कृष्णपाल सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी। शबनम ने भाजपा उम्मीदवार लल्लू सिंह को 17,800 से अधिक वोटों से हराया था। हालांकि, 2003 के विधानसभा चुनाव में उन्हें केवल 1400 वोट मिले और वे हार गईं।
राजनीति से पहले परंपरागत काम
शबनम मौसी अनूपपुर में रहती थीं और विधायक बनने से पहले किन्नरों के परंपरागत काम से अपना गुजारा करती थीं। उस समय लोग तत्कालीन सरकार से नाराज थे। जनता के बीच से ही उन्हें सोहागपुर उपचुनाव में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया गया। शबनम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया और उन्हें चुनाव चिह्न के रूप में पतंग मिला। जनता ने उन्हें इतने वोट दिए कि अन्य 8 प्रत्याशी, जिनमें कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार शामिल थे, उनके आसपास भी नहीं पहुंच सके।