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EPISODE 43: कृषि आश्रित समाज के भूले बिसरे मिट्टी की वस्तुए या बर्तन FT. पद्मश्री बाबूलाल दहिया

Babulal Dahiya

Babulal Dahiya

Babulal Dahiya: कल हमने सबरा,ताला चाभी, पासुल आदि लौह उपकरणों की जानकारी दी थी। आज उसी श्रंखला में अन्य उपकरणों की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।

दीवट

यह देवालय में गड़ाकर रखा जाने वाला एक उपकरण है जिसमें दीपक रखने का खांचा बना रहता है। प्राचीन समय में पंडा गुनिया लोग उस दीवट का निचला नोकीला भाग देवालय के समीप जमीन में गड़ा देते और उसके ऊपर प्रकाश केलिए दीपक रखते थे । पर अब यह चलन से बाहर है।

सांग


यह 7-8 फीट लम्बा एक पतला नुकीला अस्त्र है जिसके बारे में लोक मान्यता है कि इसे देवी ग्रहण करती है। यह आज भी देवी देवताओं के देवालयों में रखे हुए पाए जाते हैं। नव रात्रि के समय भाव आने पर पण्डा उसे अपने गाल में छेदते भी हैं।

बाना


यह देवालय में रखा जाने वाला 4 -5 फीट लम्बा एक पतला नुकीला अस्त्र है जो देवता केलिए समर्पित होता है। वैसे बाना और सांग एक ही तरह के बनते हैं। पर अन्तर यह है कि लोक मान्यता के अनुसार 7-8 फुट वाले को देवी ग्रहण करती है अस्तु वह (सांग) कहलाता है और 4-5 फीट वाले को देवता तो उसे (बाना) कहाजाता है। बाना को भी भाव आने पर पण्डा अपने गाल य जीभ में छेदता है।

संनसिहा चिमटा


यह एक छोटा सा लगभग एक फीट का चिमटा होता है जिसे पंडा लोग सन्यासी के चबूतरे में गड़ाते हैं।यद्दपि अब चलन से बाहर है परन्तु प्राचीन सन्यासी के चबूतरे में अब भी कहीं -कहीं यह चिमटे गड़े हुए दिख जाते हैं।

परी

यह करछुली जैसी गोल बनावट की अन्दर गहरी होती है और ऊपर पकड़ कर तेल घी निकालने केलिए लौह की ही एक टेढ़ी डंडी लगी रहती है । पहले तेली समुदाय के लोग परी से ही निकाल कर अपने डबुला से तेल देते थे। पर अब चलन से बाहर है।

कजरौटा


यह लगभग 6 इंच लम्बा ऊपर पतला टेढ़ा एवं नीचे का भाग चौड़ा होता है। बीच में काजल रखने लायक डिबिया सा खांचा बना रहता है। काजल में धूल आदि न पड़े अस्तु उसे ढकने के लिए घूम कर बन्द होने य खुलने वाला एक ढक्कन भी लगा रहता है। पहले इसमें छोटे बच्चों के आंख में आँजने के लिए काजल रखा जाता था। काम काजी महिलाएं खटोला में बच्चों को लिटा कजरौटा को एक छोर में अक्सर लटकाकर रखती थीं। क्योकि एक यह भी लोक मान्यता थी कि उससे बच्चों के ऊपर भूत आदि लगने का खतरा नही रहता था। पर अब यह चलन से बाहर है।
आज बस इतना ही कल फिर मिलेंगे इस श्रृंखला की अगली कड़ी में।

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