MP Vyapam Ghotala News In Hindi: एमपी के बहुचर्चित व्यापम घोटाले (Vyapam Ghotala) में ग्वालियर की विशेष अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. मिली जानकारी के अनुसार व्यापम घोटाले मामले में दो आरोपियों को चार-चार साल की कारावास और 13100 – 13100 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. इस केस में अलग बात यह है कि यह मामला एक गुमनाम पत्र के आधार पर उजागर हुआ था, जिसके के बाद लिखावट की जांच में उसकी पुष्टि हुई थी.
जानिए क्या था पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह मामला 2009 का है। बता दें कि उस समय मेडिकल में एडमिशन को लेकर व्यापम घोटाले में रोजाना नए खुलासे हो रहे थे. इसी दौरान प्रदेश के मुरैना जिले के निवासी समाज सेवक मंगू सिंह के नाम से भेजा गया एक पत्र पुलिस और व्यापम जांच से जुड़े अधिकारियों को मिला था।
इस लेटर में लिखा था कि साल 2009 में आयोजित मेडिकल की प्री पीजी परीक्षा (Pre PG Exam) के डॉक्टर आशुतोष शर्मा के स्थान पर सॉल्वर ने परीक्षा दी थी और इस सॉल्वर का बंदोबस्त एक अन्य डॉ पंकज गुप्ता के माध्यम से कराया गया था. हालांकि पुलिस को पत्र लिखने वाला तो नहीं मिला लेकिन शिकायत की जांच शुरू कर दी गई.
परीक्षा पास करने के बाद डॉ आशुतोष ने GR Medical College Gwalior में एडमिशन लिया. इस दौरान उसके द्वारा लिखे गए आवेदन पत्र और ओएमआर सीट से मिलान करने पर राइटिंग अलग-अलग पाई गई. इसी के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया था.
अदालत ने जारी किया वारंट
मीडिया से बात करते हुए विशेष लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा ने जानकारी दी है कि 12 अप्रैल 2009 को जबलपुर में आयोजित प्री पीजी परीक्षा में डॉ आशुतोष के स्थान पर सॉल्वर ने परीक्षा दी थी. सॉल्वर का इंतजाम डॉ पंकज ने सुरेंद्र वर्मा के जरिये किया गया था।
बताया गया की इस काम के एवज में डॉ आशुतोष ने कुल 15 लाख रुपए दिए थे। इसमें से 30 हजार रुपये डॉ पंकज ने कमीशन के खुद रख लिए शेष रकम सुरेंद्र वर्मा को दे दी थी, लेकिन सुरेंद्र वर्मा के खिलाफ पुलिस साक्ष्य ही नहीं जुटा सकी जिसके चलते उसके खिलाफ चालान ही पेश नहीं हो सका लेकिन डॉ आशुतोष और डॉ पंकज को विशेष न्यायालय सीबीआई कोर्ट ने दोषी मानते हुए चार-चार साल की कारावास और जुर्माने की सज़ा सुनाई। सजा सुनाते समय आरोपी डॉ आशुतोष ग्वालियर कोर्ट में उपस्थित नही था जिसके कारण कोर्ट ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर वारंट जारी किया है।