MP Village in Danger : भारत के इतिहास में ऐसी कई कहानियाँ आपने सुनी होंगी, जिनमें एक साथ कई गांव काल के मुंह में समा गए। मध्य प्रदेश में भी ऐसी ही डरावनी तस्वीर तैयार हो रही है। यहां कई जिलों के गांव खतरे में हैं। राज्य के भूजल में ‘धीमा जहर’ फैल रहा है। भूजल में घुल रहें इस धीमे जहर की जद में कई गांव आ सकते हैं। इस डरावने सच का खुलासा सेन्ट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट में हुआ है। जिसके बाद से ही लोगों में दहशत फैल गई है।
मध्य प्रदेश के कई गांव पर मंडरा रहा खतरा | MP Village in Danger
मध्य प्रदेश में कई जिलों में भूजल में फ्लोराइड की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। अभी तक इसे तकनीकी समस्या मान कर जिम्मेदार पलड़ा झाड़ रहें थे लेकिन अब यह एक गंभीर व सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। भूजल में घुल रहा फ्लोराइड धीमा जहर है, जिससे पीने का पानी जहरीला हो रहा है, जो सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। कई गाँवो के सैंकड़ो लोग अनजाने में जहरीला पानी पीकर मौत मौत की तरफ बढ़ रहें हैं।
रिपोर्ट में खुलासा – पानी में घुल रहा धीमा जहर | MP ground water poision
सेन्ट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड (CGWB) ने रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश के भूजल को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट में CGWB ने बताया कि मध्य प्रदेश के भूजल का जलस्तर काफी नीचे जा चुका है। जिससे पानी की गुणवत्ता खराब हो चुकी है। CGWB की रिपोर्ट में एक और बड़ा खुलासा हुआ कि भूजल ने अधिक मात्रा में फ्लोराइड घुल चुका है। भूजल में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गई है, जो न केवल भारतीय मानक (1.0 मिग्रा/लीटर) से अधिक है बल्कि वैश्विक सुरक्षित स्तर (0.5 मिग्रा/लीटर) से तीन गुना है। जिससे भविष्य में कई गाँवो का सफाया हो सकता है। भूजल के जेहरीले पानी को पीकर गई गांव के लोगों की जान बच गई।
क्या है फ्लोराइड नाम का धीमा जहर ? What is floride poision
आइये अब ये भी जान लेते हैं कि जिसे धीमा जहर कहा जा रहा है, वह है क्या? भूजल में घुले फ्लोराइड को धीमा जहर कहा गया है? यह एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है जिसका न कोई रंग होता है और न ही कोई गंध होती है। बिना रंग और गंध के फ्लोराइड पानी में घुल जाए। ऐसे में फ्लोराइड युक्त पानी की पहचान जरूरी है? फ्लोविशेषज्ञों के अनुसार, इसकी पहचान तब होती है जब, शरीर में इसके घातक असर दिखने लगते हैं। ग्रामीण इलाकों में यह असर साफ नजर आने लगा है।
कहाँ से पानी पीने से है मौत का खतरा?
भूजल के पानी में फ्लोराइड नामक जहर है। इसलिए पानी के वो स्त्रोत जहां से सीधे पीने का पानी निकलता है, उस पानी को पीने से बचें। जैसे- हैंडपंप और कुओं से निकलने वाला पानी पीने के लिए स्वच्छ व स्वस्थ नहीं है। हैंडपंप और कुओं का पानी सीधे भूजल से निकलता है, इसलिए फ्लोराइड वाला पानी देते हैं। गांव में ज्यादातर लोग हैंडपंप से पानी निकलकर पीते हैं, जो उनके स्वास्थ्य को धीरे-धीरे बिगाड़ रहा है और मौत का ग्रास बना रहा है।
जहरीला पानी पीने से कैसे बचें?
मध्य प्रदेश में हैंडपंप और समरसेबील से निकलने वाले पानी को नहीं पीना चाहिए। इसके स्थान पर फ़िल्टर पानी ही पिएं। अगर आप गांव में रहते हैं, और आपके यहां वाटर फ़िल्टर नहीं है तो आप पानी को उबालकर रख लें और उसी पानी को ठंडा कर पिएं।
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